पुस्तक का मुख-पृष्ठ: श्याम (काला)-श्वेत (सफेद) क्यों?
काला (श्याम)
काला रंग किसी भी रंग को दृष्य स्पेक्ट्रम से परावर्तित नहीं करता अर्थात सभी रंगों को अवशोषित कर लेता है। काला रंग गम्भीरता और अधिकार के रंग के रूप में देखा जाता है। ब्रिटीश सेना का ब्लैक वाॅच, वरिष्ठ हाईलैंड रेजिमेंण्ट है। जापानी संस्कृति में काला, बड़प्पन, आयु और अनुभव का एक प्रतीक है इसके विपरीत सफेद दासत्व, युवा और भोलेपन का प्रतीक है। ब्लैक अबु खलीफा हैं जो अक्सर अरब देशों के झण्डे में प्रयोग होता है। स्पेन में ब्लैक, बास्क स्वायत्त पुलिस दंगा नियंत्रण इकाईयों के रूप में जाना जाता है। स्नातकों के लिए शैक्षणिक पोशाक काले रंग का होता है। औपचारिक अवसरों पर काली टाई कार्य के रूप में जाना जाता है। ईसाई धर्म में उच्च वर्ग के धार्मिक व्यक्तियों द्वारा काला वस्त्र पहना जाता है। काला, हैसिडीक यहूदियों द्वारा पहना जाता है। काला बुरका मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहना जाता है। वकील और न्यायाधीश अक्सर काले वस्त्र पहनते हैं। यूरोपीय शास्त्रीय संगीत या अन्य संगीत कार्यक्रम या गायन में कलाकारों द्वारा काले रंग के वस्त्र पहने जाते हैं। खगोल विज्ञान में अन्तरिक्ष को काला आकाश, जले हुये तारे को ब्लैक डुआर्फ, संघनित तारे को ब्लैक होल कहते हैं। काली सतह, प्रकाश को अवशोषित करने के कारण तापीय संग्राहक के रूप में प्रयोग किया जाता है। पश्चिमी समाज में काला शोक का प्रतीक माना जाता है। ग्रीस और इटली के समाज में विधवाएँ अपने शेष जीवन में काले वस्त्र पहनती हैं जबकि अफ्रीका और एशिया में सफेद शोक का प्रतीक है। अंग्रेजी विद्या में काला, अंधेरे, संदेह, अज्ञान और अनिश्चितता के अर्थ में प्रयोग होता है। काला सूर्य फासिज्म और ओकल्टीज्म से सम्बन्धित है। केन्या और तंजानिया के जनजातियों में काला रंग बारिश वाले बादल, जीवन और समृद्धि के प्रतीक से जुड़ा हुआ है। अमेरिका के मूल निवासी काले हैं जो मिट्टी से जुड़े हैं। हिन्दू अवतार श्रीकृष्ण और देवता शनि का अर्थ काले से है। मध्यकालीन ईसाई सम्प्रदाय काले को एक पूर्णता के रंग में देखता है। रस्ताफरी आन्दोलन काले को सुन्दर के रूप में देखता है। जापानी संस्कृति में काला सम्मान के साथ जुड़ा हुआ है। काली बिल्ली अच्छे और बुरे भाग्य दोनों के अर्थो में जाना जाता है। काला दिन या सप्ताह या माह आमतौर पर एक दुःखद दिन या सप्ताह या माह के रूप में लिया जाता है।
सफेद (श्वेत)
मानव संस्कृति में सफेद रंग को शुद्धता और पवित्रता के रूप में जाना है। सफेद को भूत, शुद्धता, बड़प्पन, कोमलता, खालीपन, भगवान, अभाव, शान्ति, स्वच्छ, सूर्य का प्रकाश, समर्पण, अच्छा, स्वर्गदूत, नायक इत्यादि के सन्दर्भ में भी प्रयोग किया जाता है। सूर्य के प्रकाश में सभी रंगो का मिश्रण होता है। भारतीय परम्परा में सफेद शोक और मृत्यु का रंग है। पश्चिमी सभ्यता में सफेद शुद्धता और बेगुनाही का प्रतिनिधित्व करता है। श्वेत पत्र, सरकारी क्षेत्रों में एक ऐसे रिपोर्ट के लिए कहा जाता है जो किसी मुद्दे पर विशेषज्ञ द्वारा सत्य का खुलासा किया जाता है। सफेद को कई धर्मो में शान्ति और पवित्रता की दृष्टि से देखा जाता है। मुस्लिम लोगों द्वारा हज यात्रा के समय सफेद वस्त्र पहना जाता है। यूरोपीय और जापानी शादियों में दुल्हन का वस्त्र सफेद होता है। वैज्ञानिक और डाॅक्टर के अलावा बहुत से खेलों के खिलाड़ी सफेद वस्त्र पहना करते हैं।
काला (श्याम) और सफेद (श्वेत)
काला और सफेद सबसे अधिक विपरीत दृश्य प्रभाव उत्पन्न करता है और दिन और रात, अच्छाई और बुराई के सन्दर्भ में प्रयुक्त होता है। ताओ धर्म में यिन और यांग काले और सफेद रंग में दिखया गया है। शतरंज और चेकर्स जैसे खेल में भी दो विरोधीयों को काले और सफेद से दिखाया गया है। ब्लैक बेल्ट, मार्शल आर्ट में उपलब्धि और वरिष्ठता का प्रतीक है जबकि सफेद बेल्ट का रैंक कम होता है। ब्रिटीश पुलिस वाहन परम्परागत रूप से काले और सफेद थे।
सभी रंगों को मिला देने पर काला रंग बन जाता है अर्थात काले रंग में सभी रंग समाहित हो जाते है। सृष्टि भी ब्लैक होल (श्याम शून्य) से प्रारम्भ होता हैं और उसी में सघंनित हो जाता है। ब्रह्माण्ड का अधिकांश भाग अंधकार अर्थात काले रंग में ही है। प्रकाश, सदैव अंधकार को हटाने का प्रयत्न करता है क्योंकि साम्राज्य तो सदैव अंधकार का ही है। यह प्रयत्न ही चेतना है। इस शास्त्र का मुख पृष्ठ में काला और सफेद इसलिए रखा गया है जिसका
प्रथम कारण
यह शास्त्र सभी रंगों अर्थात विचारों को अपने में समाहित करता है और साथ ही सृष्टि करने के लिए प्रकाश फैलाता है जिससें विभिन्न शुद्ध और सत्य रंग अर्थात विचार निकलते हैं। महाभारत की रचना करने वाले महर्षि व्यास ने भी अपने नायक सृष्टिकर्ता को श्रीकृष्ण अर्थात काला ही नाम दिया है जिनसे व्यक्त गीता ज्ञान सभी रंगों अर्थात विचारों को अपने में समाहित करता है और साथ ही सृष्टि करने के लिए प्रकाश फैलाता है जिससें विभिन्न शुद्ध और सत्य रंग अर्थात विचार निकलते हैं।
द्वितीय कारण
हमारा लक्ष्य पूर्णज्ञान के इस शास्त्र को जन-जन तक पहुँचाना है इसलिए प्रथमतया सस्ते दर पर उपलब्ध कराने हेतु इसे काले और सफेद में मुद्रण कराया गया है जिससे इसे सस्ता बनाया जा सके। इसके उपरान्त इसका आकर्षक-सुन्दर-रंगीन संस्करण भी मुद्रित कराया जायेगा क्यांेकि हम जानते हैं कि यह शास्त्र प्रत्येक घर में एक लम्बे अवधि और घर के प्रत्येक सदस्य की आवश्यकता है।
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