”विश्वशास्त्र“ से सम्बन्धित स्थान?
01. रिफाइनरी टाउनशिप अस्पताल, बेगूसराय (बिहार) का जन्म स्थान सोमवार, 16 अक्टुबर 1967 (आश्विन, शुक्ल पक्ष-त्रयोदशी-विजया दशमी से तीसरा दिन, रेवतीनक्षत्र) में हुआ और टाउनशिप के E1-53, E2-53, D2F-76,
D2F-45 और साइट कालोनी के.D-58, C-45 में रहें।
02. नई बस्ती बघेड़ा, संतरविदास मन्दिर (मीरजापुर, उ0प्र0) के दक्षिण पैतृक भूमि का स्थान जहाँ दृश्यकाल के ”शब्दब्रह्म“ की प्राप्ति 1992 में हुई।
03. C-45 साइट कालोनी, रिफाइनरी, बेगूसराय (बिहार) और चित्रगुप्त नगर, खगड़िया (बिहार), का स्थान जहाँ शास्त्र का आरेख प्रारूप सन् 1994 से 1996 में तैयार किया गया।
04. श्री सिया श्रीराम सिंह पुत्र स्व0 श्रीराममन्दिल सिंह ”नारदजी“ का मकान ”सर्वजीत साधना भवन“ मुर्धवा, रेनुकूट (सोनभद्र, उ0प्र0) स्थित जहाँ शास्त्र के मूल सूत्र सन् 1998 से 2001 में लिखे गये।
05. निवास स्थान नियामतपुर कलाँ, मीरजापुर, उ0प्र0 (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय-बी.एच.यू, वाराणसी के दक्षिण गंगा उस पार), जहाँ शास्त्र को सन् 2010 से अन्तिम रूप देने का कार्य हुआ और मथुरा में पूर्ण किया गया। बीच-बीच में चित्रकूट, वैष्णों देवी, धर्मशाला (हि.प्र), वाराणसी इत्यादि स्थानों पर शास्त्र रचना का कार्य हुआ।
06. शास्त्राकार के कारण सत्यकाशी क्षेत्र अन्तर्गत चुनार क्षेत्र के शेरपुर, बकियाबाद, धनैता मझरा, पचेवरा, फिरोजपुर, केशवपुर, भगीरथपुर, कोलना, घासीपुर बसाढ़ी, जौगढ़, श्रीरामरायपुर, जलालपुर माॅफी, गांगपुर, श्रीरामजीपुर, बघेड़ा इत्यादि गाँव भी जाने जायेंगे।
07. माधव विद्या मन्दिर इण्टरमीडिएट कालेज, पुरूषोत्तमपुर, मीरजापुर, उ0प्र0 (दसवीं-1981, 13 वर्ष 6 माह में), प्रभु नारायण राजकीय इण्टर कालेज, श्रीरामनगर, वाराणसी, उ0प्र0 (बारहवीं-1983, 15 वर्ष 6 माह में) और हरिश्चन्द्र महाविद्यालय, वाराणसी, उ0प्र0 (बी.एससी.ं,सन्-1985, 17 वर्ष 6 माह में) के कालेज।
08. इण्डिया एजूकेशन सेन्टर, एम-92, कनाॅट प्लेस, नई दिल्ली, जहाँ से 1988 (19 वर्ष 6 माह में) में कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग और सिस्टम एनालिसिस में पोस्ट ग्रेजूएट डिप्लोमा का कोर्स पूर्ण किये।
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