”विश्वशास्त्र“ की उपयोगिता क्या है?
वर्तमान समय के भारत तथा विश्व की इच्छा शान्ति का बहुआयामी विचार-अन्तरिक्ष, पाताल, पृथ्वी और सारे चराचर जगत में एकात्म भाव उत्पन्न कर अभय का साम्राज्य पैदा करना और समस्याओं के हल में इसकी मूल उपयोगिता है। साथ ही विश्व में एक धर्म- विश्वधर्म-सार्वभौम धर्म, एक शिक्षा-विश्व शिक्षा, एक न्याय व्यवस्था, एक अर्थव्यवस्था, एक संविधान, एक शास्त्र स्थापित करने में है। भारत के लिए यह अधिक लाभकारी है क्योंकि यहाँ सांस्कृतिक विविधता है। जिससे सभी धर्म-संस्कृति को सम्मान देते हुए एक सूत्र में बाँधने के लिए सर्वमान्य धर्म उपलब्ध हो जायेगा। साथ ही संविधान, शिक्षा व शिक्षा प्रणाली व विषय आधारित विवाद को उसके सत्य-सैद्धान्तिक स्वरूप से हमेशा के लिए समाप्त किया जा सकता है। साथ ही पूर्ण मानव निर्माण की तकनीकी से संकीर्ण मानसिकता से व्यक्ति को उठाकर व्यापक मानसिकता युक्त व्यक्ति में स्थापित किये जाने में आविष्कार की उपयोगिता है। जिससे विध्वंसक मानव का उत्पादन दर कम हो सके। ऐसा न होने पर नकारात्मक मानसिकता के मानवो का विकास तेजी से बढ़ता जायेगा और मनुष्यता की शक्ति उन्हीं को रोकने में खर्च हो जायेगी। यह आविष्कार सार्वभौम लोक या गण या या जन या स्व का निराकार रूप है इसलिए इसकी उपयोगिता स्वस्थ समाज, स्वस्थ लोकतन्त्र, स्वस्थ उद्योग तथा व्यवस्था के सत्यीकरण और स्वराज की प्राप्ति में है अर्थात मानव संसाधन की गुणवत्ता का विश्वमानक की प्राप्ति और ब्रह्माण्ड की सटीक व्याख्या में है। मनुष्य किसी भी पेशे में हो लेकिन उसके मन का भूमण्डलीयकरण, एकीकरण, सत्यीकरण, ब्रह्माण्डीयकरण करने में इसकी उपयोगिता है जिससे मानव शक्ति सहित संस्थागत और शासन शक्ति को एक कर्मज्ञान से युक्त कर ब्रह्माण्डीय विकास में एकमुखी किया जा सके।
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What is the usefulness of "VISHWSHASTRA"?
The desire of the present day India and the world is a multi-faceted idea of peace - creating an empire of Abhay by creating a unique feeling in space, earth, earth and all grazing world and its basic utility in solving problems. There is also a religion in the world- Vishwadharma-Sovereign Religion, an education-world education, a judicial system, an economy, a constitution, a scripture. It is more beneficial for India because it has cultural diversity. Due to which respectable to all religions and culture, universal religion will be available to be tied in one sutra. At the same time, the constitution, education and education system and subject-based dispute can be ended forever by its true-theoretical form. At the same time, the invention is useful in raising a person from a narrow mindset from the technicalities of complete human construction to a person with a broad mindset. So that the production rate of the destroyer can be reduced. If this is not done then the development of human beings of negative mindset will increase rapidly and the power of humanity will be spent in stopping them. This invention is the formless form of the universal world or gana or or mass or self, hence its usefulness lies in the attainment of healthy society, healthy democracy, healthy industry and system of truth and swaraj i.e. attainment of global standard of quality of human resources and accurate interpretation of the universe. Is in Human being in any profession but his mind has its usefulness in globalizing, unifying, verifying, cosmicizing so that institutional and governing power including human power can be integrated into cosmic development with a karmic knowledge.
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