सत्यकाशी महायोजना
(Satyakashi Universal Integration ScienceUniversity)
उपरोक्त एक-एक प्रोजेक्ट के साथ जिसमें सम्भव हो सकेगा आवासीय कालोनी बसती चली जायेंगी। सभी परियोजना आपस में कम से कम 5 कि. मी दूर स्थित होंगी जिससे विकास करने के लिए अन्य निवासियों को भी स्वयं के संसाधन पर अवसर मिल सके।
ये धार्मिक-दर्शनीय निर्माण जिस गाँव क्षेत्र में बनेगें उनके विकास के सम्बन्ध में विचार करें। घूमना मनुष्य की मजबूरी है। दर्शनीय स्थलों का निर्माण करें। अपने आप व्यापार व कल्याण हो जायेगा। किसी विषय के विकास व विस्तार के लिए आवश्यक होता है कि पहले उस विषय के भूतकाल व वर्तमान की स्थिति क्या है, उसे जाना जाय। क्योंकि इन्हीं आॅकड़ों पर आधारित होकर ही विकास व विस्तार की कार्य योजना बनायी जाती है। यह वैसे ही है जैसे कोई भी विद्यार्थी जब किसी कक्षा में प्रवेश लेता है तब उसे पिछली कक्षा की योग्यता अर्थात् भूतकाल व वर्तमान की स्थिति बतानी पड़ती है। काशी क्षेत्र के विकास व विस्तार के पहले मानव व काशी क्षेत्र की भूतकाल व वर्तमान की स्थिति क्या है, इसे जाने जो विकास व विस्तार के लिए आधार आॅकड़े हैं। अगर ये सत्य हैं तो विकास व विस्तार भी के रूप में सत्यकाशी भी सत्य ही होगा।
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