Saturday, April 11, 2020

विचार, रचनात्मक विचार और लाभ की शक्ति

विचार, रचनात्मक विचार और लाभ की शक्ति


सृष्टि के पूर्व ब्रह्म शब्दात्मक बनते है, फिर ओंकारात्मक या नादात्मक होते है। तत्पश्चात पहले कल्पों के विशेष शब्द जैसे-भूः, भुवः, स्वः अथवा गो, मानव, घट, पट इत्यादि का प्रकाश उसी आंेकार से होता है। सिद्ध संकल्प ब्रह्म में क्रमशः एक-एक शब्द के होते ही उसी क्षण उन सब पदार्थो का भी प्रकाश हो जाता है और इस विचित्र जगत् का विकास हो उठता है। अब समझे न कि कैसे शब्द ही सृष्टि का मूल है। 
-स्वामी विवेकानन्द (विवेकानन्द जी के संग में, पृष्ठ-62)

प्रत्येक व्यापार के जन्म होने का कारण एक विचार होता है। पहले विचार की उत्पत्ति होती है फिर उस पर आधारित व्यापार का विकास होता है। विचार पहले किसी एक व्यक्ति के अन्दर जन्म लेता है उसके उपरान्त भले ही वह कई व्यक्ति के समूह का बन जाये, अलग बात है। जब समूह का बन जाता है तब वह कम्पनी, कार्पोरेशन, एन.जी.ओ., ट्रस्ट और यदि अधिक शक्तिशाली हो तो राष्ट्र का व्यापार बन समाज के सामने आता है। इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं-
-व्यापारिक क्षेत्र में व्यापार के वस्तु का विचार सर्वप्रथम व्यक्ति के अन्दर आता है फिर वह बाहर प्रोप्राइटरश्पि, पार्टनरशिप, प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी, लिमिटेड कम्पनी इत्यादि के रूप में बाहर आता है और उस व्यापार के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वह सरकारी प्रक्रिया, कार्यालय, उत्पाद निर्माण, विज्ञापन, प्रचार-प्रसार, कर्मचारी वेतन, योजना, प्रलोभन इत्यादि पर धन खर्च करता है।
-राजनीतिक क्षेत्र में एक ग्राम प्रधान/सभासद, क्षेत्र पंचायत सदस्य, क्षेत्र प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक, सांसद, मंत्री इत्यादि बनने का विचार सर्वप्रथम उस व्यक्ति के मन में आता है। फिर वह बाहर व्यक्त होता है और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वह धन, सम्बन्ध, जन आधार इत्यादि का प्रयोग करता है।
-धार्मिक क्षेत्र में भी आजकल स्वयं के विचार के अनुसार स्वयं को लक्ष्य के अनुसार स्थापित करने के लिए व्यक्ति सरकारी प्रक्रिया, कार्यालय, उत्पाद निर्माण, विज्ञापन, प्रचार-प्रसार, कर्मचारी वेतन, योजना, प्रलोभन इत्यादि पर धन खर्च करता है।

विचार
व्यापार के लिए विचार कुछ भी हो सकता है। यह नकारात्मक और सकारात्मक हो सकता है। जिसका उद्देश्य किसी भी प्रकार धन बनाना होता है। यह समान्यतः समाज में चल रहे विचारों के अनुसार ही होता है जिसमें स्वयं के विचारों के अनुसार मार्केट में अपना कुछ भागीदारी करना होता है। और जब प्रयोग की जाती है तब वह अपने-आप में अकेला नहीं होता बल्कि इस पर आधारित व्यापार चल रहे होते हैं।

रचनात्मक विचार
रचनात्मक विचार, एक सकारात्मक विचार पर आधारित व्यापार होता है। यह समाज में चल रहे विचारों से थोड़ा ऊपर उठकर सुविधा-साधन उपलब्ध कराता है। और जब प्रयोग की जाती है तब वह अपने-आप में अकेला होता है।

लाभ की शक्ति
विचार पर आधारित व्यापार से अधिक लाभ कमाने का अवसर रचनात्मक विचार पर आधारित व्यापार को मिलता है क्योंकि यह अपने समय में अकेला होता है जिससे अधिक से अधिक लोगों को आकर्षित करता है।



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