Wednesday, April 15, 2020

एक ही “विश्वशास्त्र“ साहित्य के विभिन्न नाम और उसकी व्याख्या

एक ही “विश्वशास्त्र“ साहित्य के विभिन्न नाम और उसकी व्याख्या


धर्म क्षेत्र से नाम 
01. कर्मवेद -



02. शब्दवेद -



03. सत्यवेद -



04. सूक्ष्मवेद -



05. दृश्यवेद -



06. पूर्णवेद -



07. अघोरवेद -



08. विश्ववेद -



09. ऋृषिवेद -



10. मूलवेद -


11. शिववेद -



12. आत्मवेद -



13. अन्तवेद -



14. जनवेद -



15. स्ववेद -



16. लोकवेद -



17. कल्किवेद -



18. धर्मवेद -



19. व्यासवेद -



20. सार्वभौमवेद -



21. ईशवेद -



22. ध्यानवेद -



23. प्रेमवेद -



24. योगवेद -



25. स्वरवेद -



26. वाणीवेद -



27. ज्ञानवेद -



28. युगवेद -



29. स्वर्णयुगवेद -



30. समर्पणवेद -



31. उपासनावेद -



32. शववेद -



33. मैंवेद -




34. अहंवेद -




35. तमवेद -




36. सत्वेद -




37. रजवेद -




38. कालवेद -




39. कालावेद -




40. कालीवेद -




41. शक्तिवेद -



42. शून्यवेद -




43. यथार्थवेद -




44. कृष्णवेद सभी प्रथम, अन्तिम तथा पंचम वेद -




45. कर्मोपनिषद्-अन्तिम उपनिषद् -




46. कर्म वेदान्त -




47. धमयुक्त धर्म शास्त्र -




48. ईश्वर -




49. ईश्वर का संक्षिप्त इतिहास -




50. ईश्वर-शास्त्र -



51. पुनर्जन्म -




52. श्री लवकुश-पूर्ण प्रेरक अन्तिम कल्कि अवतार -




53. भोगेश्वर-योगेश्वर समाहित -




54. पूर्णदृश्य-मैं -




55. बहुरूप में एक -




56. ईश्वर का मष्तिष्क -




57. सत्य-शिव-सुन्दर -




58. विश्वभारत-सार्वजनिक प्रमाणित महाभारत -




68. विश्व-पुराण -



69. विश्व-धर्म-सर्वधर्म समाहित -




70. विश्व-कला-कृष्ण-कला समाहित -




71. विश्व-गुरू -




72. विश्व भक्ति -




73. सत्य-पुराण -




74. सत्य-धर्म -




75. सत्य-कला-कृष्ण-कला समाहित -




76. सत्य-गुरू -




77. सत्य भक्ति -



78. सत्यकाशी-पंचम, सप्तम और अन्तिम काशी -



79. द्वारिका-स्वर्णयुग का प्रवेश द्वार -



80. कृष्ण निर्माण योजना -



81. धारा और राधा -



82. शिवद्वार-शिवयुग का प्रवेश द्वार -




83. जीव का शिव में निर्माण -




84. सत्व-रज-तम: राम-कृष्ण-लवकुश -




85. लवकुश-सेतू या से तू -




86. भोग माया-योग माया समाहित -




87. मैं हूँ तैतीस करोड़ -


88. अर्धनारीश्वर -



89. काल-काली-काला -




90. सृष्टि-स्थिति-प्रलय और सृष्टि -



91. पशुपास्त्र-ब्रह्मास्त्र व नारायणास्त्र समाहित -



92. पुराण पुरूष-सर्वोच्च व अन्तिम -



93. पुराण-सर्वोच्च व अन्तिम -



94. धर्म-सर्वोच्च व अन्तिम -



95. आत्मा-सर्वोच्च व अन्तिम -



96. गुरू-सर्वोच्च व अन्तिम -



97. महायज्ञ-सर्वोच्च व अन्तिम -



98. तीसरा नेत्र -


 धर्मनिरपेक्ष व सर्वधर्मसमभाव क्षेत्र से नाम
01. विकास-दर्शन -



02. विनाष-दर्शन -



03. एकात्मकर्मवाद -



04. मष्तिष्क परावर्तक (ब्रेन टर्मिनेटर) -



05. धर्मनिरपेक्ष धर्म शास्त्र -



06. लोकतंत्र धर्म शास्त्र -



07. लोक-शास्त्र -



08. जन-शास्त्र -



09. स्व-शास्त्र -



10. लोक नायक शास्त्र -



11. यथार्थ-प्रकाश -


12. लोक/जन/स्व तंत्र -



13. एकात्म विज्ञान -



14. मानक विज्ञान -



15. पूर्ण ज्ञान -



16. कर्म ज्ञान -



17. जय ज्ञान-जय कर्म ज्ञान -



18. विश्व-उपासना -



19. विश्व-योग -



20. विश्व-मानक -



21. विश्व-राष्ट्र-जन एजेण्डा -



22. विश्व-ध्यान -



23. विश्व-समर्पण -



24. विश्व-लीला -



25. विश्व-आत्मा -



26. विश्व-समन्वयाचार्य -



27. विश्व-दर्पण -



28. विश्व-मन -



29. विश्व-शिक्षा -



30. विश्व-रूप -



31. विश्वमानव-विश्व-मन से युक्त -



32. विश्व-बुद्धि -



33. विश्व-चेतना -



34. विश्व-प्रकाश -



35. विश्व-दृष्टि -



36. विश्व-मार्ग -



37. विश्व-राजनीति -



38. विश्व एकता -



39. विश्व शान्ति -



40. विश्व सेवा -



41. विश्व महायज्ञ-सार्वजनिक प्रमाणित दृश्य -



42. विश्व-बन्धुत्व -



43. विश्व जातिवाद -



44. विश्व अहंकार -



45. सत्य-भारत -



46. सत्य-उपासना -



47. सत्य-योग -



48. सत्य-ध्यान -



49. सत्य-मानक -



50. सत्य-राष्ट्र-जन एजेण्डा -



51. सत्य-ध्यान -



52. सत्य-समर्पण -



53. सत्य-लीला -



54. सत्य-आत्मा -



55. सत्य-समन्वयाचार्य -



56. सत्य-दर्पण -



57. सत्य-मन -



58. सत्य-शिक्षा -



59. सत्य-रूप -



60. सत्य-मानव-सत्य-मन से युक्त -



61. सत्य-बुद्धि -



62. सत्य-चेतना -



63. सत्य-प्रकाश -



64. सत्य-दृष्टि -



65. सत्य-मार्ग -



66. सत्य-राजनीति -



67. सत्य एकता -



68. सत्य शान्ति -



69. सत्य सेवा -



70. सत्य महायज्ञ-सार्वजनिक प्रमाणित दृश्य -



71. सत्य-बन्धुत्व -



72. सत्य जातिवाद -



73. सत्य अहंकार -



74. स्वर्णयुग का प्रथम मानव -



75. मात्र यही हूँ-मानो या ना मानो -



76. पाँचवा और अन्तिम सूर्य -



77. चक्रान्त-चक्र का अन्त -



78. दिव्य-दृष्टि -



79. दिव्य-रूप -



80. दृश्य-योग -



81. दृश्य-ध्यान -



82. ज्ञान बम -



83. आध्यात्मिक न्यूट्रान बम -



84. सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त -



85. मानक एवं मन का विश्व मानक और पूर्ण वैश्विक मानव निर्माण की तकनीकी -



86. मन का ब्रह्माण्डीयकरण -



87. सार्वभौम दर्पण-व्यक्ति से ब्रह्माण्ड तक -



88. सम्पूर्ण क्रान्ति-प्रथम, अन्तिम और सर्वोच्च क्रान्ति -



89. सामाजिक अभियंत्रण (सोशल इंजिनीयरींग) -



90. सन् 2012-पाँचवें और अन्तिम स्वर्ण युग का आरम्भ वर्श -



91. आध्यात्मिक ब्लैक होल -



92. तख्तापलट -



93. एक आवाज, मधुशाला से -



94. आॅकड़ा (डाटा) -



95. मंथन रत्न -



96. काला किताब -



97. पूर्ण सकारात्मक विचार -



98. विश्व संविधान का आधार -



99. एक अलग यात्रा -



101. समभोग-एकात्म भाव से भोग -



102. सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय -



103. वसुधैव कुटुम्बकम् -



104. सर्वेभवन्तु सुखिनः -



105. अगीतांजलि -



106. मार्ग-सर्वोच्च व अन्तिम -



107. बुद्धि-सर्वोच्च व अन्तिम -



108. अहंकार-सर्वोच्च व अन्तिम -



109. व्यापार-सर्वोच्च व अन्तिम -



110. महत्वाकांक्षा-सर्वोच्च व अन्तिम -



111. युग पुरूष-सर्वोच्च व अन्तिम -



112. शंखनाद-सर्वोच्च व अन्तिम -



113. उपासना-सर्वोच्च व अन्तिम -



114. योग-सर्वोच्च व अन्तिम -



115. मानक-सर्वोच्च व अन्तिम -



116. एजेण्डा-सर्वोच्च व अन्तिम -



117. कला-सर्वोच्च व अन्तिम -



118. ध्यान-सर्वोच्च व अन्तिम -



119. समर्पण-सर्वोच्च व अन्तिम -



120. लीला-सर्वोच्च व अन्तिम -



121. समन्वयाचार्य-सर्वोच्च व अन्तिम -



122. दर्पण-सर्वोच्च व अन्तिम -



123. मन-सर्वोच्च व अन्तिम -



124. शिक्षा-सर्वोच्च व अन्तिम -



125. रूप-सर्वोच्च व अन्तिम -



126. विश्वमानव-सर्वोच्च व अन्तिम -



127. बुद्धि-सर्वोच्च व अन्तिम -



128. चेतना-सर्वोच्च व अन्तिम -



129. प्रकाश-सर्वोच्च व अन्तिम -



130. दृष्टि-सर्वोच्च व अन्तिम -



131. मार्ग-सर्वोच्च व अन्तिम -



132. राजनीति-सर्वोच्च व अन्तिम -



133. एकता-सर्वोच्च व अन्तिम -



134. शान्ति-सर्वोच्च व अन्तिम -



135. सेवा-सर्वोच्च व अन्तिम -



136. भक्ति-सर्वोच्च व अन्तिम -



137. बन्धुत्व-सर्वोच्च व अन्तिम -



138. जातिवाद-सर्वोच्च व अन्तिम -



139. अहंकार-सर्वोच्च व अन्तिम -




140. दर्शन-सर्वोच्च व अन्तिम -



141. सत्य शास्त्र




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