राष्ट्र निर्माण के पुस्तक
काल, मनवन्तर, युग, शास्त्र परिवर्तन और अनिर्वचनीय कल्कि महाअवतार भोगेश्वर श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“ के अवतरण से राष्ट्र निर्माण से सम्बन्धित अनेक पुस्तक-पुस्तिकाओं का मार्ग मिल गया है जिससे ”पावर और प्राफिट“ की ओर बढ़ गये मनुष्यता को मस्तिष्क के विकास को ओर भी विकास का मार्ग उपलब्ध होगा।
125 करोड़ की जनसंख्या वाला भारत देश में हिन्दी भाषी जनसंख्या 70 करोड़ है। और लाल किताब-पीला किताब, धर्म ग्रन्थ इत्यादि बिकते रहते है। और वो किताब जिसे ”विश्वशास्त्र“ कहा जा रहा है जो एक काल, मनवन्तर, युग परिवर्तन से लेकर विश्व सरकार के गठन तक का मार्गदर्शन से युक्त हो जो व्यक्ति के पूर्ण ज्ञान, पूर्ण शिक्षा पाठ्यक्रम सहित नीति आयोग तक के लिए उपयोगी है। ”विश्वशास्त्र“ त्रिलोक के अदृश्य कल्पना/कथा नहीं बल्कि इस लोक के व्यावहारिक ज्ञान का शास्त्र है। सभी शिक्षा एक तरफ, ”विश्वशास्त्र“ एक तरफ। सभी पुस्तक-शास्त्र एक तरफ, ”विश्वशास्त्र“ एक तरफ। हर घर का शान और प्राण ” ”विश्वशास्त्र““, धरती के नागरिक का जीवनशास्त्र ” ”विश्वशास्त्र““, स्वर्ण युग का शास्त्र ”विश्वशास्त्र“ की स्थिति है। भारत में हिन्दी भाषा जानने वालों की स्थिति ये है-
01. बिहार जनसंख्या-103,804,637 साक्षरता-63.82 प्रतिशत
02. छत्तीसगढ़ जनसंख्या-25,540,196 साक्षरता-71.04 प्रतिशत
03. हरियाणा जनसंख्या-25,353,081 साक्षरता-76.64 प्रतिशत
04. हिमाचल प्रदेश जनसंख्या-6,856,509 साक्षरता-83.78 प्रतिशत
05. झारखण्ड जनसंख्या-32,966,238 साक्षरता-67.63 प्रतिशत
06. मध्य प्रदेश जनसंख्या-72,597,565 साक्षरता-70.63 प्रतिशत
07. महाराष्ट्र जनसंख्या-112,372,972 साक्षरता-82.91 प्रतिशत
08. पंजाब जनसंख्या-27,704,236 साक्षरता-76.68 प्रतिशत
09. राजस्थान जनसंख्या-68,621,012 साक्षरता-67.06 प्रतिशत
10. उत्तर प्रदेश जनसंख्या-199,581,477 साक्षरता-69.72 प्रतिशत
11. उत्तराखण्ड जनसंख्या-10,116,752 साक्षरता-79.63 प्रतिशत
12. पश्चिम बंगाल जनसंख्या-91,347,736 साक्षरता-77.08 प्रतिशत
13. चण्डीगढ़ जनसंख्या-1,054,686 साक्षरता-86.43 प्रतिशत
14. दिल्ली जनसंख्या-16,753,235 साक्षरता-86.34 प्रतिशत
हमारे द्वारा राष्ट्र निर्माण श्रृंखला से सम्बन्धित व्यक्ति के बौद्धिक विकास के लिए बस स्टेशन व रेलवे स्टेशनों, प्रदर्शनी, स्टाल, सीधे स्कूल-कालेज से विक्रय होने वाली ”विश्वशास्त्र“ पर आधारित निम्नलिखित समझ पर केन्द्रित अनेक पुस्तिका विक्रय करने के लिए उपलब्ध है। जिसे विद्यार्थी को संग्रह करने और इस रूप में प्राप्त करना असंभव है।
01. व्यापार 02. मानक 03. पूर्ण मानव 04. सत्यकाशी
05. मुद्रक और वितरक 06. रायल्टी 07. एम.एल.एम और नेटवर्कर 08. फिल्म
09. आॅकड़ा 10. लेखक 11. भारतीय सरकार 12. काशी-सत्यकाशी
13. स्वामी विवेकानन्द 14. नेता 15. रिलिजन/धर्म 16. विश्व-बन्धुत्व
17. भारत रत्न 18. यू.एन.ओ 19. पुरस्कार 20. दार्शनिक
21. गुरू 22. संत 23. समाज परिवर्तक 24. रचनाकर्ता/संस्थापक
25. अवतार 26. सत्य अवतार-कल्कि 27. अन्तिम सत्य 28. लव कुश
29. माँ कल्कि देवी 30. ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ
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