Friday, April 10, 2020

भारत में अध्ययन/सर्वेक्षण/प्रतिवेदन

भारत में अध्ययन/सर्वेक्षण/प्रतिवेदन


भारत में अनेक अभिकरण और संगठन अध्ययन और सर्वेक्षणों का आयोजन करते हैं, साथ ही अर्थव्यवस्था की विविध पहलुओं शामिल करते हुए एक नियमित आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित करते हैं। प्रत्येक अनुसंधान और प्रकाशन देश के एक विशेष खंड पर केन्द्रित होता है तथा इसके निष्पादन और घटनाओं का विश्लेषण करता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सबसे महत्वपूर्ण संगठन है जो अपने वार्षिक, तिमाही, मासिक, साप्ताहिक और यदाकदा होने वाले प्रकाशनों में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों पर सूचना और आंकड़े प्रकाशित करता है। 
सांख्यिकीय और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ विश्वसनीय और साखपूर्ण सांख्यिकीय आंकड़ों के प्रसार हेतु एक शीर्ष संगठन है। इस प्रयोजन के लिए मंत्रालय ने ”सांख्यिकीय स्कंध“ बनाया है जिसमें केन्द्रीय सांख्यिकीय संगठन (सीएसओ) और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) शामिल हैं। केन्द्रीय सांख्यिकीय संगठन (सीएसओ) यह देश में सांख्यिकीय गतिविधियों के समन्वय तथा सांख्यिकीय मानकों के रखरखाव हेतु उत्तरदायी है। इसकी गतिविधियों में शामिल हैं राष्ट्रीय आय लेखा, उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण आयोजित करनाय आर्थिक जनगणना और इसके अनुपालन सर्वेक्षण, औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक का संकलन, शहरी नॉन-मैनुअल कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक।
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) यह आर्थिक सर्वेक्षण करता है, उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण के लिए क्षेत्र कार्य करता है और आर्थिक जनगणना के अनुपालन सर्वेक्षणकर्ता है, क्षेत्र की गणना पर और फसल आकलन सर्वेक्षणों पर नियंत्रण रखता है तथा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से मूल्य आंकड़ों के संग्रह के अलावा शहरी नमूने लेने में उपयोगी शहरी रूपरेखा तैयार करता है। एनएसएसओ में चार प्रभाग हैं नामतः सर्वेक्षण डिजाइन और अनुसंधान प्रभाग (एसडीआरडी), क्षेत्र प्रचालन प्रभाग (एफओडी), आंकड़ा प्रक्रमण प्रभाग (डीपीडी) तथा समन्वय एवं प्रकाशन प्रभाग (सीपीडी)। एनएसएसओ के प्रतिवेदन और प्रकाशन ये हैं-सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण, मूल्य संग्रह सर्वेक्षण, उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण, कृषि सांख्यिकीय सर्वेक्षण, शहरी रूपरेखा सर्वेक्षण
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक प्रतिवेदन तैयार किए और प्रकाशित किए जाते हैं, जो विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारत के निष्पादन का विश्लेषण करते हैं। इनमें से प्रमुख इस प्रकार हैं-
1. विश्व बैंक की वार्षिक पत्रिका वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट (डब्ल्यूडीआर) वर्तमान में दुनिया की आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण की स्थिति जानने का एक अनमोल मार्गदर्शक है। प्रति वर्ष ये विकास के किसी एक विशिष्ट पक्ष का गहराई से विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं। इन प्रतिवेदनों में अनेक विषयों को शामिल किया जाता है जैसे राज्य की भूमिका, संक्रमण अर्थव्यवस्घ्था, श्रम, मूलसंरचना, स्वास्थ्य, पर्यावरण और गरीबी।
2. ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट (एचडीआर) इसे 1990 में लोगों को आर्थिक वाद विवाद, नीति और समर्थन के संदर्भ में विकास प्रक्रिया के मध्य में रखने के एक मात्र लक्ष्य के साथ आरंभ किया गया था। इस स्वतंत्र प्रतिवेदन की स्थापना यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम ;यूएनडीपीद्ध द्वारा की गई है। इस प्रतिवेदन का अनुवाद एक दर्जन से अधिक भाषाओं में किया गया है और हर वर्ष 100 से अधिक देशों में आरंभ किया जाता है। 16 अन्य राज्यों ने अपने उप राष्ट्रीय मानव विकास प्रतिवेदन बनाने आरंभ किए हैं-जो हैं-असम, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, सिक्किम, महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, पंजाब, नागालैंड, ओडिशा, गुजरात छत्तीसगढ़, केरल।
सर्व प्रथम विश्व स्वास्थ्य प्रतिवेदन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा वर्ष 1995 में प्रकाशित किया गया है। हर वर्ष सभी देशों से संबंधित आंकड़ों के साथ वैश्विक स्वास्थ्य के एक विशेषज्ञ आकलन को लेकर यह प्रतिवेदन एक विशिष्ट विषय पर केन्द्रित होता है। इस प्रतिवेदन का मुख्य प्रयोजन देशों, दाता अभिकरणों, अंतरर्राष्ट्रीय संगठनों तथा अन्य सभी को जानकारी प्रदान करना है, जिसकी सहायता से वे नीतियां बनाते हैं और निधिकरण के निर्णय लेते हैं। 
विश्व निवेश प्रतिवेदन (डब्ल्यूआईआर) संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) का एक प्रमुख प्रकाशन है जो 1991 से हर वर्ष प्रकाशित किया जाता है। इस प्रतिवेदन के हर अंक में होता है-पिछले वर्ष के दौरान विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में रूझानों का विश्लेषण, जिसमें विकास निहितार्थों पर विशेष बल दिया जाता है, विश्व में सबसे बड़े लेन-देन करने वाले निगमों की रैंकिंग, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से संबंधित चुने हुए विषयों का गहराई से विश्लेषण, नीति विश्लेषण और सिफारिशें, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाहों पर आंकड़ों सहित सांख्यिकीय परिशिष्ट तथा विश्व अर्थव्यवस्थाओं के लिए भंडार।



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