व्यवसाय संगठन-सामान्य दिशानिर्देश एवं प्रबंधन
सरकारी दिशानिर्देश
एक बार आपने कारोबार शुरू करने का निर्णय कर लिया तो एक महत्वपूर्ण पक्ष यह होता है कि फैक्टरी की स्थापना के लिए विभिन्न सरकारी दिशानिर्देशों, विभिन्न विभागों (बिजली, पानी, पर्यावरण आदि सहित) से परमिट लेने तथा आवश्यक शुल्क, आवश्यक कराधान सहित रजिस्ट्रेशन फाइल करने के विषय में देखा-समझा जाए।
1. चालू खाता खोलना
2. स्थायी लेखा संख्या
3. कर पंजीकरण के लिए आवेदन करें
4. कर्मचारी भविष्य निधि
5. उत्पाद शुल्क
6. कर्मचारी राज्य बीमा योजना
7. दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम
लेखांकन एवं बहीखाता
लेखांकन की आधारभूत जानकारी-व्यावसायिकों को लेखांकन के मूल सिद्धांतों की आधारभूत जानकारी अवश्य होनी चाहिए। व्यावसायिक मालिकों के नाते आपको यह समझना होगा कि प्रति माह आप आय को कैसे अर्जित कर सकते हैं। आपको व्यवसाय के ऑंकड़ों का रिकार्ड रखना होगा, ताकि व्यवसाय के कार्यकलापों की निगरानी की जा सके। निम्नलिखित तीन वित्तीय विवरणियों को समझना आवश्यक हैं-
अ. लाभ एवं हानि लेखा-आपको लाभ एवं हानि के मूल सिद्दांतों को समझना होगा, ताकि आपको इस बात की जानकारी हो जाए कि व्यवसाय को चलाने में आपको कितना निवेश करना है। आपको अपनी अर्जित आय के माध्यम से उत्पाद तैयार करने के लिए भी तैयार रहना होगा। आपको यह जानकारी भी होनी चाहिए कि उत्पादन और विपणन में अभी तक कितना व्यय किया गया है।
ब. तुलनपत्र-वास्तव में यह एक ऐसा ब्लूप्रिंट या उपकरण है जो आपको अपनी कम्पनी की आस्तियों और देयताओं की जानकारी उपलब्घ्ध कराता है। आपको दैनिक आधार पर जॉंच की आवश्यकता नहीं है, तथापि, आपको तुलनपत्र में दी गई जानकारी से परिचित होना होगा।
स. नकदी प्रवाह-यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो व्यावसायिकों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। व्यवसाय चलाते समय नकदी प्रवाह की सूक्ष्म जॉंच की आवश्यकता होंगी, कि आपको यह पता चल सके कि व्यवसाय के आवघ्यक व्ययों के लिए राशि कब प्राप्त होंगी।
कम्पनी रजिस्ट्रार में वार्षिक विवरणियॉं प्रस्तुत करना-कम्पनी अधिनियम 1950 के अन्तर्गत शामिल कम्पनियों की वार्षिक ई-विवरणी के भाग के रूप में निम्नलिखित दस्तावेज कम्पनी रजिस्ट्रार को प्रस्तुत करने होते हैं-
क्रम सं दस्तावेज ई-फार्म
1. तुलनपत्र सभी कम्पनियों द्वारा फार्म 23 एसी भरा जाना है
2. लाभ एवं हानि विवरणी सभी कम्पनियों द्वारा फार्म 23 एसी भरा जाना है
3. वार्षिक विवरणी शेयर पूंजी वाली कम्पनियों को फार्म 20बी भरना है
4. वार्षिक विवरणी शेयर पूंजी रहित कम्पनियों को फार्म 21ए भरना है
5. अनुपालन प्रमाण-पत्र 10 लाख रुपए से 5 करोड़ तक की प्रदत्त पूंजी वाली कम्पनियों द्वारा फार्म 66 भरा जाना है।
अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक
देश में प्रयोग में लाई जा रही विभिन्न लेखांकन नीतियों और प्रणालियों में सामंजस्य स्थापित करने के उद्देश्य से लेखांकन मानकों को तैयार किया गया है। लेखांकन मानकों का संबंध वित्तीय विवरणियों को बनाने और उन्हें प्रस्तुत करने से संबंधित माप की प्रणाली और प्रकटीकरण नियमों से है। ये अधिकारिक विवरणियों के साथ सामने आते हैं कि कैसे विशेष प्रकार के लेन-देन, घटनाओं और अन्य लागतों को मान्यता प्राप्घ्त होनी चाहिए। लेखांकन मानकों को वित्तीय विवरणियों के विभिन्न उपयोगकर्ताओं जैसे शेयर धारकों, लेनदारों, उधारदाताओं, प्रबन्धन, निवेशकों, आपूर्तिकर्ताओं, प्रतियोगियों, शोधकर्ताओं, नियामक निकायों और समाज में रह रहे लोगों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है।
भारत में लेखांकन मानकों को तैयार करने का कार्य भारतीय चार्टेड एकाऊंटेंटस संस्थान को सौंपा गया है। हाल ही के वर्षों में, विभिन्न देशों में अपनाए जा रहे लेखांकन मानकों में अन्तर्राष्घ्ट्रीय स्तर पर सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता महसूस की गई, चूँकि दूसरे देशों की पूंजी का अन्तरण अब कॉमन हो गया है। अन्तर्राष्ट्रीय लेखांकन मानक बोर्ड द्वारा जारी अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों को वैश्विक वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों के रूप में पहचाना जाने लगा है। हाल ही के वर्षों में आईएफआरएस के रुपान्तरण के कारण इसे वैश्विक स्तर पर ख्याति प्राप्त हुई है। चूँकि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्घ्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है, अंतः, भारत सरकार अप्रैल 01, 2011 से भारतीय लेखांकन मानकों को अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों के साथ रूपान्तरित करने के लिए प्रतिबद्ध है। आरम्भ में ये मानक सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कम्पनियों पर ही लागू होंगे, अन्य कम्पनियों को आईएफआरएस के अन्तर्गत क्रमबद्ध् तरीके से लाया जाएगा।
एसएमई के लिए आईएफआरएस मानक लगभग 230 पृष्ठों का मानक है। इसे लघु और मध्यम आकार की इकाइयों के लिए तैयार किया गया हे और यह आकलन किया गया है कि विश्व की लगभग सभी कम्पनियों का 95 प्रतिशत से अधिक को इसमें गिना गया है।
आईसीएआई द्वारा आई एफआर एस के लिए तैयार किया गया ब्लैंडिड लर्निंग पार्टल के माध्यम से आप भारतीय लेखांकन मानकों के रूपान्तरण के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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