Wednesday, April 8, 2020

संयुक्त राष्ट्र संघ (U.N.O)

संयुक्त राष्ट्र संघ (U.N.O)  
परिचय, उद्देश्य एवम् कार्यप्रणाली
  
परिचय
19वीं सदी (सन् 1801-1900) में विश्व के विभिन्न देशों में राजनीतिक प्रबन्ध में बदलाव व्यापक रूप से हुये थे। उस समय में विभिन्न देशों में राजशाही और पोपशाही के स्थान पर जनतांत्रिक शासन व्यवस्था का सिलसिला शुरू हुआ। इसी शदी में व्यापक प्रशासनिक सुधार, सामाजिक आर्थिक चिंतन और औद्योगिक क्रान्ति का भी जन्म हुआ था। 20वीं शदी (सन् 1901 से) के प्रारम्भ में सारे कुटनीतिक गलियारे साम्राज्यवाद की नशीली गंध से भरे हुये थे, जिसने विश्व की प्रमुख महाशक्तियों को मदांध कर रखा था। परिणामस्वरूप प्रथम विश्व युद्ध सन् 1914 में प्रारम्भ हुआ जिसमें ब्रिटेन, जर्मनी, रूस, फ्रांस शामिल थे और यह युद्ध सन् 1918 में समाप्त हुआ। सन् 1918 में प्रथम बार विश्व शान्ति के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति वूडरो विल्सन द्वारा 14 सूत्रीय कार्यक्रम को प्रस्तुत किया गया। सन् 1919 ई0 में विश्व शान्ति के लिए 17 देशों द्वारा ”लीग आॅफ नेशन्स“ की स्थापना हुई। प्रथम विश्व युद्ध के समाप्त होते ही अगले विश्व युद्ध के भी बीज पड़ गये थे परिणामस्वरूप सन् 1939 में पुन-ब्रिटेन द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध की घोषणा कर दी गई। जो अमेरिका द्वारा जापान पर परमाणु हमला करने के बाद सन् 1945 में समाप्त हो गया। 24 अक्टुबर सन् 1945 को 50 देशों द्वारा सैन फ्रांसिस्को में विश्व शान्ति के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई। संयुक्त राष्ट्र के व्यक्त उद्देश्य हैं युद्ध रोकना, मानव अधिकारों की रक्षा करना, अंतर्राष्ट्रीय कानून को निभाने की प्रक्रिया जुटाना, सामाजिक और आर्थिक विकास उभारना, जीवन स्तर सुधारना और बीमारियों से लड़ना। सदस्य राष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय चिंताएं और राष्ट्रीय मामलों को सम्हालने का मौका मिलता है। इन उद्देश्य को निभाने के लिए 1948 में मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा प्रमाणित की गई ।
संयुक्त राष्ट्र सदस्य 
2006 तक संयुक्त राष्ट्र में 192 सदस्य देश है । विश्व के लगभग सारी मान्यता प्राप्त देश सदस्य है । कुछ विशेष अपवाद तइवान (जिसकी स्थिति चीन को 1971 में दे दी गई थी), वैटिकन, फिलिस्तीन (जिसको दर्शक की स्थिति का सदस्य माना जा सकता है), तथा और कुछ देश। सबसे नए सदस्य देश है मॉंटेनीग्रो, जिसको 28 जून, 2006 को सदस्य बनाया गया। भारत प्रथम 50 संस्थापक सदस्यों में से एक है। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन इसके स्थायी सदस्य हैं जो वीटो कहलाते है।
संयुक्त राष्ट्र र्चाटर या संविधान 
संयुक्त राष्ट्र संघ सदस्य देशों का एक ऐसा संगठन है जो अन्तराष्ट्रीय शान्ति एवम् सुरक्षा और ऐसी ही राजनैतिक, आर्थिक एवम् सामाजिक परिस्थितियों को बनायें रखने के लिए वचनबद्व है। संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर में मुख्य रूप से निम्न उद्देश्य दिये गये है जो किसी भी देश के घरेलू मामले में दखल देने की अनुमति प्रदान नहीं करता।
01. अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर शान्ति व सुरक्षा बनाये रखना।
02. राष्ट्रों के बीच, उनके सम्मान, अधिकार और आत्मनिर्णय के आधार पर मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों तथा सहयोग का विकास करना।
03. आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक समस्याओं को सुलझाने के लिए तथा मनवीय अधिकारों और उनके मौलिक स्वाधीनता के प्रति सम्मान भावना बढ़ाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मिलकर कार्य करना और सहयोग प्राप्त करना।
04. इन समान उद्देश्यों की सिद्धि के लिए उन सभी राज्यों की सहायता का केन्द्र बनना।
संयुक्त राष्ट्र संघ का चार्टर ही उसका संविधान कहलाता है जिसमें 10 हजार शब्द, 111 धारा तथा 19 अध्याय है। संविधान के अनुसार-”प्रत्येक राष्ट्र को अपनी सम्पदा और प्राकृतिक संसाधनों पर स्वतन्त्रता पूर्वक सम्पूर्ण प्रभुत्व जमाने का। अपने राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र के अन्तर्गत किसी भी विदेशी पूंजी निवेश को नियंत्रित करने और उस पर अधिकार चलाने का और विदेशी सम्पत्ति को राष्ट्रीयकृत करने, विसम्पत्तिकृत करने या उसके स्वामित्व का स्थानान्तरण करने का अधिकार प्राप्त है।“
संयुक्त राष्ट्र संघ का ध्वज
हल्का नीला के बीच श्वेत रंग से संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रतीक (दो जैतून की वक्राकार शाखायें जो ऊपर से खुली हैं बीच में विश्व का मानचित्र)
संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा
संयुक्त राष्ट्र ने 6 भाषाओं को राज भाषा स्वीकृत किया है (अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनीश), परंतु इन में से केवल दो भाषाओं को संचालन भाषा माना जाता है (अंग्रेजी और फ्रेंच)। स्थापना के समय, केवल चार राज भाषाएं स्वीकृत की गई थी (चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी) और 1973 में अरबी और स्पेनी को भी संमिलित किया गया। इन भाषाओं के बारे में काफी विवाद उठता है। कुछ लोगों का मानना है कि राज भाषाओं को 6 से एक (अंग्रेजी) तक घटाना चाहिए, परंतु इनके विरोध है वे जो मानते है कि राज भाषाओं को बढ़ाना चाहिए। इन लोगों में से काफी का मानना है कि हिंदी को संमिलित करना आवश्यक है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिकी अंग्रेजी की जगह ब्रिटिश अंग्रेजी का प्रयोग करता है 
मुख्यालय
संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में पचासी लाख डॉलर के लिए खरीदी भूसंपत्ति पर स्थापित है। इस इमारत की स्थापना का प्रबंध एक अंतर्राष्ट्रीय शिल्पकारों के समूह द्वारा हुआ। इस मुख्यालय के अलावा और अहम संस्थाएं जेनेवा, कोपनहेगन आदि में भी है। यह संस्थाएं संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र अधिकार क्षेत्र में तो नहीं हैं, परंतु उनको काफी स्वतंत्रताएं दी जाती है ।
भारत में कार्यालय-संयुक्त राष्ट्र संघ, 55 लोदी एस्टेट, नई दिल्ली-110003
संयुक्त राष्ट्र संघ का बजट
संयुक्त राष्ट्र संघ के संचालन का सम्पूर्ण व्यय 18.2 अरब डालर प्रतिवर्ष है। संयुक्त राष्ट्र संघ के सात सहयोगी राष्ट्रों का आर्थिक योगदान क्रमश-अमेरीका का 27 प्रतिशत, जापान का 15.7 प्रतिशत, जर्मनी का 9.1 प्रतिशत, फ्रांस का 6.4 प्रतिशत, ब्रिटेन का 5.3 प्रतिशत, इटली का 5.2 प्रतिशत, रूस का 4.3 प्रतिशत हिस्सा है। यह कुल मिलाकर संयुक्त राष्ट्र संघ बजट का 71 प्रतिशत होता है। अन्य सदस्य राष्ट्रों की अपेक्षा अमेरीका नागरिकों की संयुक्त राष्ट्र, सचिवालय तथा यूनिसेफ, विश्वबैंक, विश्व खाद्य कार्यक्रम आदि में रोजगार सम्बन्धी उच्च पदों पर भागीदारी सर्वाधिक है। संयुक्त राष्ट्र के 80 प्रतिशत कार्य विकासशील राष्ट्रों को अपनी स्वयं सहायता क्षमता विकसित करने के लिए ही होते है। इनके अन्तर्गत प्रजातन्त्र को बढ़ावा देना, उसकी रक्षा करना, मानवाधिकार, शिशुओं को बीमारियों एवम् भुखमरी से बचाना, शरणार्थियों की राहत के लिए सहायता प्रदान करना, विश्व को अपराधों, नशीली वस्तुओं के सेवन तथा विभिन्न बीमारियों के प्रति सजग करना है, साथ ही उन राष्ट्रों की सहायता करना है जो युद्ध इत्यादि में लम्बें समय से उत्पीड़ित रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ हमेंशा से विश्व शान्ति एवम् मानव सेवा में समर्पित रहा है। लेकिन वर्तमान समय में उसके कार्यो के सहज सम्पादन में आर्थिक समस्यायें बहुत अधिक अवरोध प्रस्तुत कर रही हैं। इस समस्या को लेकर विश्व में काफी कुछ कहा गया परन्तु अधिकांश सदस्य इस बात से अनभिज्ञ हैं कि वास्तव में संयुक्त राष्ट्र संघ क्या है? और उसके धन का व्यय कहाँ होता है?
वीटो
सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों को वीटो का अधिकार है। जिसका अर्थ है-निषेधात्मक वोट। किसी विषय पर निर्णय लेने के लिए 9 वोटों की आवश्यकता होती है। परन्तु उस पर स्थायी सदस्यों की सहमति आवश्यक है। यदि एक भी स्थायी सदस्य उससे सहमत नहीं है तो इसे निषेधात्मक मत माना जाता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंग
संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य कार्यकारी अंग निम्नलिखित हैं।
01. सामान्य महासभा (The General Assembly)
संयुक्त राष्ट्र महासभा में सभी सदस्य देश शामिल होते है तथा प्रत्येक देश को एक मत देने का अधिकार होता है। इसकी बैठक वर्ष में एक बार होती है। परन्तु विशिष्ट एवम् आपात स्थिति में महासचिव द्वारा बैठक का आहवान किया जा सकता है। प्रत्येक बैठक में एक अध्यक्ष चुना जाता है। इसके कार्य 6 मुख्य समितियों में विभाजित होते हैं। जिनमें प्रत्येक सदस्य देश का प्रतिनिधित्व होता है। 
मुख्य समितियां-
1. निरस्त्रीकरण एवम् अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा समिति 2. आर्थिक एवम् वित्तीय समिति 
3. सामाजिक, मानवीय एवम् सांस्कृतिक समिति 4. विशिष्ट राजनैतिक एवम् गैर उपनिवेशवाद समिति 
5. प्रशासनिक एवम् आय-व्यय समिति 6. कानूनी समिति। 
इसके अतिरिक्त 29 सदस्यों की एक सामान्य समिति होती है। जो सभा एवम् उनकी समितियों के कार्यो का संयोजन करती है तथा 9 सदस्यों की एक अधिकार पत्र समिति होती है।
सुरक्षा परिषद द्वारा विचारणीय विषयों के अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र के परिक्षेत्र में आने वाले किसी भी विषय जैसे-वार्षिक बजट पर सामान्य सभा विचार कर अपनी संतुति दे सकती है। साधारण विषयों पर सामान्य बहुमत से एवम् महत्वपूर्ण विषयों पर दो तिहाई बहुमत से निर्णय लिया जाता है। यदि सुरक्षा परिषद किन्हीं कारणों से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करने में असफल होती है तो सामान्य सभा ऐसी परिस्थिति में तुरन्त विचार कर निर्णय ले सकती है और सदस्यों के सहयोग से अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति एवम् सुरक्षा हेतु सशस्त्र सेवाओं का प्रयोग भी कर सकती है।
02. सुरक्षा परिषद (The Security Council)
सुरक्षा परिषद के अन्तर्गत कुल 15 सदस्य होते है तथा प्रत्येक को एक मत का अधिकार होता है। उनमें से 5 सदस्य स्थायी एवम् 10 सदस्य अस्थायी होते हैं। जो सामान्य समिति द्वारा दो तिहाई बहुमत द्वारा चुने जाते है। सुरक्षा परिषद का मुख्य दायित्व अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति एवम् सुरक्षा बनाये रखना है। विशिष्ट समझौतों का अनुगमन करते हुये सुरक्षा परिषद कार्य निर्वाह हेतु सदस्य देश की सशस्त्र सेना सहायता के रूप में कार्य करती है। चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन एवम् अमेरिका इसके स्थायी सदस्य है।
03. आर्थिक एवम् सामाजिक परिषद (The Economic & Social Council)  
यह परिषद अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य एवम् सम्बन्धित विषयों में संयुक्त राष्ट्र किये जाने वाले कार्यो का उत्तरदायित्व वहन करती है। सामान्य सभा के दो तिहाई बहुमत से इसके 54 सदस्यों का चुनाव तीन वर्ष के लिए किया जाता है। प्रत्येक सदस्यों को एक मत का अधिकार होता है तथा उपस्थित सदस्यों के सामान्य बहुमत से निर्णय लिया जाता है। सामान्यत-परिषद की बैठक वर्ष में दो बार होती है परन्तु आवश्यकता पड़ने पर विशेष बैठक बुलाई जा सकती है। अध्यक्ष का चुनाव एक वर्ष के लिए होता है। परिषद के पाँच क्षेत्रीय आयोग जेनेवा, बैकांक, चिली, अबाबा और बगदाद में है। इन सबके अतिरिक्त अन्य कुछ ऐसे विषयों को चुना गया है। जिनके लिए 9 क्रियात्मक आयोग एवम् अनेक समितियां एवम् विशिष्ट निकायों का निर्माण किया गया है। वे विषय हैं-अपराध निरोधक एवम् अपराधिक न्याय, सामाजिक विकास, मानवाधिकार, मादक पदार्थ, विकास हेतु विज्ञान एवम् प्रौद्योगिक, महिलाओं की स्थिति, जनसंख्या, सांख्यिकी एवम् समर्थनीय विकास।
04. न्यायधारी परिषद (The Trusteeship Council)  
विश्व के वे क्षेत्र जो पूर्ण स्वशासन में अभी समर्थ नहीं है-उनके हितों की रक्षा के लिए भी संयुक्त राष्ट्र घोशणा पत्र में एक अन्तर्राष्ट्रीय न्यासधारी प्रणाली का प्रावधान है। व्यक्तिगत न्यासधारी समझौतों के अन्तर्गत ऐसे क्षेत्रों को न्यास धारी क्षेत्र कहा जाता है। ऐसा क्षेत्र अब संयुक्त राष्ट्र संघ के अधीन नहीं है।
05. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय (The International Court of Justice)
सदस्य राष्ट्रों के मध्य न्यायालय संविधि नामक समझौते के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना की गई। सभी सदस्य स्वत-ही इसके हिस्सेदार हैं। न्यायालय में 15 न्यायाधीश होते हैं। जिनका चुनाव उनकी राष्ट्रीयता से प्रभावित होता है। इनका कार्यकाल 9 वर्ष का होता है। यह न्यायलय हेग में है परन्तु आवश्कतानुसार इसको कहीं भी लगाया जा सकता है। निर्णय बहुमत के आधार पर किया जाता है। न्यायालय का निर्णय अन्तिम होता है। परन्तु 10 वर्ष के अन्दर कोई अन्य प्रमाण मिल जाने पर यह मामले की पुन-सुनवाई कर सकता हैं।
06. सचिवालय (The Secretariate)
इसके मुख्य पदाधिकारी महासचिव है। शरणार्थियों हेतु उच्चायुक्त एवम् कोष प्रबन्ध निदेशक की नियुक्ति महासभा द्वारा की जाती है। महासभा द्वारा नियत प्रविधि के अनुसार सचिवालय के अन्तर्राष्ट्रीय कर्मचारियों की नियुक्ति महासचिव करता है। संयुक्त राष्ट्र अपने प्रमुख कार्यो में सचिवालयी कायों के लिए न्यूयार्क, जेनेवा, नैरोबी और विएना में कार्यालय रखे हैं।
07. संयुक्त राष्ट्र की शान्ति सेना
संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में इस बात का उल्लेख है कि किसी अपातकालीन स्थिति या गम्भीर समस्या के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र की सेना गठित की जायेगी। चूँकि संयुक्त राष्ट्र की कोई संयुक्त स्थायी सेना नही है। इसलिए सेना में विभिन्न राष्ट्रों के सैनिक शामिल किये जाते हैं। किसी भी राष्ट्र को शांति सेना में अपने सैनिकों को भेजने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
08. संयुक्त राष्ट्र प्रणाली 
विकासशील देशों में आर्थिक एवम् सामाजिक विकास के कार्य संयुक्त राष्ट्र अपने विभिन्न कार्यक्रमों एवम् कोषों के माध्यम से करती है। जैसे-
01. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP)
02. संयुक्त राष्ट्र शिशु निधि  (UNICER)
03. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या सहायता कोष (UNDPA) 
04. संयुक्त राष्ट्र मानविकीय कार्य विभाग (UNDHA)
05. संयुक्त राष्ट्र षरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (UNHCR)
06. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (UNHCHR)
07. संयुक्त राष्ट्र सहायता एवम् कार्य अभिकरण (UNRWA)
09.संयुक्त राष्ट्र से सम्बन्धित अन्र्तशासकीय अभिकरण
संयुक्त राष्ट्र से विशिष्ट अनुबन्धों द्वारा सम्बद्व अन्र्तशासकीय अभिकरण, आर्थिक एवम् सामाजिक परिषद् के संयोजन में कार्यरत स्वतन्त्र संस्थायें है। ये हैं-
01. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवम् सांस्कृतिक संगठन (UNESCO)
02. संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO)
03. अन्तर्राष्ट्रीय आणविक ऊर्जा अभिकरण (IAEA)
04. अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)
05. अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)
06. पुननिर्माण एवम् विकास का अन्तर्राष्ट्रीय बैंक-विश्व बैंक (IBRD)
07. अन्तर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA)
08. अन्र्तराष्ट्रीय वित्त निगम (IFC)
09. अन्र्तराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO)
10. अन्तर्राष्ट्रीय दूर संचार संघ (ITU)
11. अन्तर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD)
12. अन्तर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO)
13. सार्वदेशीय डाक संघ (UPU)
14. खाद्य एवम् कृषि संगठन (FAO)
15. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
16. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO)
17. विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन (WIPO)
18. विश्व व्यापार संगठन (WTO)
10. मानव अधिकार
द्वितीय विश्वयुद्ध के जातिसंहार के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने मानव अधिकारों को बहुत आवश्यक समझा था। ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोकना अहम समझकर, 1948 में सामान्य सभा ने मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को स्वीकृत किया। यह अबंधनकारी घोषणा पूरे विश्व के लिए एक समान दर्जा स्थापित करती है, जो कि संयुक्त राष्ट्र समर्थन करने की कोशिश करेगी। 15 मार्च 2006 को, सामान्य सभा ने संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकारों के आयोग को त्यागकर संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद की स्थापना की ।
आज मानव अधिकारों के संबंध में सात संघ निकाय स्थापित है। यह सात निकाय हैं-
01. मानव अधिकार संसद
02. आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों का संसद
03. जातीय भेदबाव निष्कासन संसद
04. नारी विरुद्ध भेदभाव निष्कासन संसद
05. यातना विरुद्ध संसद
06. बच्चों के अधिकारों का संसद
07. प्रवासी कर्मचारी संसद
अन्य अन्तर्राष्ट्रीय संगठन
01. राष्ट्र मण्डल (कामन वेल्थ)-सदस्य-53 मुख्यालय-लन्दन
02. पश्चिमी यूरोपीय संघ (WEU)-सदस्य-28, मुख्यालय-बेल्जियम
03. यूरोपीय परिषद (COU)-सदस्य-284, मुख्यालय-फ्रांस
04. युरोपीय संघ (EU)-सदस्य-11
05. युरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA)-सदस्य-7, मुख्यालय-स्वीटजरलैण्ड
06. युरोप में सुरक्षा एवम् सहकारिकता संगठन (OSCE)-सदस्य-54, मुख्यालय-हेग
07. पुनर्निर्माण एवम् विकास का यूरोपीय बैंक (EBRD)-सदस्य-41, मुख्यालय-लन्दन
08. कोलम्बो योजना-सदस्य-26, मुख्यालय-श्रीलंका
09. एशिया आर्थिक सहयोग समूह (APEC)-सदस्य-19, मुख्यालय-सिंगापुर
10. दक्षिण-पूर्वी राष्ट्र संघ (ASEAN)-सदस्य-5, मुख्यालय-इण्डोनेशिया
11. अमेरिका राज्य संगठन (ASO)-मुख्यालय-वाशिंगटन
12. पेट्रोलियम निर्यातक देश संगठन (OPEC)-सदस्य-11
13. दक्षिण ऐशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क)-सदस्य-7, मुख्यालय-नेपाल
14. उत्तर एटलांटिक संधि संगठन (नाटो)-सदस्य-19, मुख्यालय-बेल्जियम
15. इन्टरपोल-सदस्य-176
16. अरब लीग-सदस्य-22
17. समूह-7 (G-7)-विश्व के सात प्रमुख देश
18. समूह-77 (G-77)-विकासशील देशों का संगठन-सदस्य-135
19. समूह-24 (G-24)-विकासशील देशों का संगठन-सदस्य-24
20. समूह-15 (G-15)
21. डी-8 (D-8)-आठ विकासशील मुस्लिम राष्ट्रों का समूह
22. पी-5 (P-5)-विकसित देश-चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका का समूह
23. समूह-22 (G-22)-सदस्य-22
24. समूह-10-सदस्य-10
25. रेडक्रास-युद्ध या विपदा के समय पीड़ित लोगों के सहायतार्थ-मुख्यालय-जेनेवा
26. साउथ पैसेफिक फोरम-सदस्य-15, मुख्यालय-फिजी


01.वीटो पावर-संयुक्त राज्य अमेरिका (US)

परिचय 
(सं.रा.अ.) स्ंायुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) उत्तर अमेरिकी महाद्वीप में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी वाशिंगटन है। संयुक्त राज्य अमेरिका उत्तर अमेरिकी महाद्वीप पर स्थित एक संघीय गणतन्त्र है। सं.रा.अ.50 राज्यों और एक संघीय जिले से बना है। इसके अतिरिक्त इसके अन्य भी बहुत से अधिनस्त क्षेत्र हैं जो ओशिनीया और अन्य स्थानों पर भी फैले हैं। यह एक राष्ट्रपति प्रणाली वाला गणतन्त्र है। जनसंख्या की दृष्टि से चीन और भारत के बाद विश्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। यद्यपि तीसरे स्थान पर होने के पश्चात् भी इसकी जनसंख्या प्रथम दो की तुलना में बहुत कम है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, यह नाम थाॅमस पैन द्वारा सुझाया गया था। लघु रूप में इसके लिए बहुधा संयुक्त राज्य का भी उपयोग किया जाता है। हिन्दी भाषा में ”संयुक्त राज्य“ या ”संयुक्त राज्य अमेरिका“ के स्थान पर केवल ”अमेरिका“ कहने का प्रचलन है। अमेरिका की स्थापना की आधिकारिक तिथि 4 जुलाई, 1776 है। जब द्वितीय महाद्विपीय कांग्रेस ने 13 अलगाववादी उपनिवेशिक राज्यों के प्रतिनिधि स्वरूप स्वतन्त्रता के घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये, परन्तु सरकार के मूलभूत ढँाचें में सन् 1788 में बहुत परिवर्तन किये गए। जब आर्टिकल्स आॅफ काॅन्फेडरेशन के स्थान पर अमेरिकी संविधान को लाया गया। सरकारी राजधानी के फिलाडेल्फिया स्थानान्तरित होने से पूर्व, न्यूयार्क नगर एक वर्ष तक संघीय राजधानी था। 1711 में, राज्यों ने अधिकार विधेयक को पारित किया। संविधान में वे 10 संशोधन करने के लिए जो व्यक्तिगत स्वतन्त्रता और कानूनी सुरक्षा की सीमा के संघीय प्रतिबन्धों को निषिद्ध कर दे, उत्तरी राज्यों ने 1780 से 1804 के बीच दास प्रथा को प्रतिबन्धित कर दिया। लेकिन दक्षिण राज्यों में यह प्रथा जारी रही। सन् 1800 में नया बसा वाशिंगटन डी.सी.संघीय सरकार और राष्ट्र की नई राजधानी बना। नए नवेले देश ने अपनी सीमाओं का पश्चिम की ओर विस्तार करने के लिए स्थानीय इण्डियन लोगों पर युद्ध चक्र आरम्भ किया जो 19वीं सदी के अंत तक चला और स्थानीय अमेरिकायों को अपनी भूमियों से हाथ धोना पड़ा। 1812 में ब्रिटेन के साथ हुए युद्ध के कारण, जो बराबरी का रहा, अमेरिकी राष्ट्रवाद को प्रबलता मिली। 1846 में ब्रिटेन के साथ हुई ओरेगाॅन संधि के कारण अमेरिका को वर्तमान अमेरिकी उत्तर-पश्चिम पर नियंत्रण मिला। 1848 में मेक्सिको में अमेरिकी हस्तक्षेप के कारण कैलिफोर्निया और वर्तमान अमेरिकी दक्षिण-पश्चिम का अमेरिका में विलय हो गया। 1848-1849 के कैलिफोर्निया गोल्ड रश के कारण यह विस्तार पश्चिम की ओर जारी रहा। लगभग आधी सदी के दौरान ही 4 करोड़ भैंसों को उनकी चमड़ी और माँस, और रेलमार्ग के विस्तार के लिए मार डाला गया। ये पशु, जो स्थानीय इण्डियन लोगों के लिए आर्थिक संसाधन और संस्कृति का महत्वपूर्ण भाग थे, इनका मारा जाना इन इण्डियन लोगों के लिए बहुत आघातकारी सिद्ध हुआ।
इसके राज्य है-अलास्का, अलाबामा, आर्कन्सा, आयडाहो, आयोवा, इण्डियाना, इलिनाय, एरिजोना, ओहायो, ओरेगान, ओक्लाहोमा, केन्सास, केन्टकी, कैलिफोर्निया, कालरेडो, कनेक्टिकट, जार्लिया, टेनेसी, टेक्सस, डेलावेयर, न्यू जर्सी, न्यू यार्क, नेब्रास्का, न्यू मेक्सिको, नेवाडा, नार्थ डेकोटा, न्यू हेम्पशायर, नार्थ केरोलाइना, पेन्सिलवेनिया, फ्लोरिडा, मेन, मेरिलैंड, मिशिगन, मिनेसोटा, मिसिसिपी, मासेचुसेट्स, मोन्टाना, मिजूरी, रोड आइलैंड, विस्कान्सिन, वर्जिनिया, वर्मांट, वायोमिंग, साउथ केरोलाइना, साउथ डेकोटा, वेस्ट वर्जिनिया, यूटा, लुईजियाना, वाशिंगटन, हवाई।
राष्ट्रीय ध्वज-सं.रा.अमेरिका के राष्ट्रीय ध्वज को ”स्टार्स एण्ड स्ट्राप्स“ के नाम से भी जाना जाता है। इस ध्वज के बाईं ओर उपर एक चैथाई हिस्सें में नीले रंग की पृष्ठभूमि में 50 श्वेत रंग के सितारे अंकित हैं। शेष भाग पर लाल श्वेत रंग की 13 बराबर पट्टीयाँ हैं।

02.वीटो पावर-फ्रांस
परिचय 
फ्रान्स, आधिकारिक तौर पर फ्रान्स गणराज्य पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। फ्रास कई क्षेत्रों और विभागों में विभाजित है। इनमें से 22 क्षेत्र महानगर फ्रांस के अन्तर्गत आते हैं। फ्रांस के चार विदेश क्षेत्र भी हैं। फ्रांस कई शताब्दियों के लिए एक प्रमुख शक्ति, मजबूत आर्थिक, सांस्कृतिक, सैनिक और राजनीतिक प्रभाव के साथ रहा है। फ्रान्स 17वीं सदी के अन्त से दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है। 18वीं और 19वीं शताब्दि के दौरान फ्रास ने पश्चिमी अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया में एक बहुत बड़ा औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित किया था। फ्रान्स यूरोपीय संघ का एक संस्थापक सदस्य है। इसका क्षेत्रफल किसी भी अन्य सदस्य देश से सबसे ज्यादा है। फ्रान्स संयुक्त राष्ट्र संघ का भी सदस्य होने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के पाँच स्थाई सदस्यों में से एक है। इसके अलावा यह समूह-8 और नाटों का सदस्य है। परमाणु शक्ति सम्पन्न इस देश के पास सक्रिय परमाणु युद्ध हथियार और परमाणु ऊर्जा संयंत्र हैं।
फ्रान्स शब्द लातीनी भाषा के फ्रैन्किया से आया है जिसका अर्थ फ्रांक्स की भूमि या फ्रांकलैंड है। आधुनिक फ्रान्स की सीमा प्राचीन गौल की सीमा के समान ही है। प्राचीन गौल में सेल्टिक गाॅल निवास करते थे। गौल पर पहली शताब्दी में रोम के जुलियस सीजर ने जीत हासिल की थी। तदोपरान्त गौल ने रोमन भाषा (लातिनी, जिससे फ्रान्सीसी भाषा विकसित हुई) और रोमन संस्कृति को अपनाया। ईसाइयत दूसरी शताब्दी और तीसरी शताब्दी में पहँुची और चैथी शताब्दी तक स्थापित हो गई। चैथी सदी में जर्मनिक जनजाति, मुख्यत-फ्रैंक्स ने गौल पर कब्जा जमाया। इस से फ्रान्सिस नाम दिखाई दिया। आधुनिक नाम ”फ्रान्स“ पेरिस के आसपास के फ्रान्स के कापेतियन राजाओं के नाम से आता है। फ्रैंक्स यूरोप की पहली जनजाति थी जिसने रोमन साम्राज्य के पतन के बाद आरियानिज्म को अपनाने के बजाय कैथोलिक ईसाई धर्म को स्वीकार किया। वर्दन संधि (सन् 843) के बाद शारलेमेग्ने का साम्राज्य तीन भागों में विभाजित हो गया। इनमें सबसे बड़ा क्षेत्र पश्चिमी फ्रांसिया था जो आज के फ्रांस के बराबर था। ह्यूग कापेट के फ्रांस के राजा बनने तक कारोलिंगियन राजवंश ने सन् 987 तक फा्रन्स पर राज किया। उनके वंशजों ने अनेक युद्धों और पूर्वजों की विरासत के साथ देश को एकीकृत किया। 17वीं सदी और लुई चैदहवें के शासनकाल के दौरान फ्रान्स सबसे अधिक शक्तिशाली था। उस समय फ्रान्स की यूरोप में सबसे बड़ी आबादी थी। देश का यूरोपीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और संस्कृति पर एक बड़ा प्रभाव था। फ्रांसीसी भाषा अन्तर्राष्ट्रीय मामलों में कूटनीति की आम भाषा बन गई। फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने 18वीं सदी में बड़ी वैज्ञानिक खोज की। फ्रांस ने अमेरिका, अफ्रीका और एशिया में अनेक स्थानों पर विजय अधिपत्य जमाया। फ्रान्स में फ्रांसीसी क्रान्ति से पहले 1789 तक राजशाही मौजूद थी। 1793 में राजा लुई चैदहवें और उनकी पत्नी मेरी अन्तोइनेत्ते मार डाले गये साथ में हजारों की संख्या में अन्य फ्रांसीसी नागरिक भी मारे गये थे। नेपोलियन बोनापार्ट ने 1799 में गणतन्त्र पर नियंत्रण ले लिया। बाद में उन्होंने खुद को पहले साम्राज्य (1804-1814) का महाराज बनाया। उसकी सेनाओं ने महाद्वीपीय यूरोप के अधिकांश भाग पर विजय प्राप्त की। 1815 में वाटरलू की लड़ाई में नेपोलियन के अन्तिम हार के बाद दूसरी राजशाही आई। बाद में लुई-नेपोलियन ने 1852 में द्वितीय साम्राज्य बनाया। लुई-नेपोलियन को 1870 के फ्रंेको-पर्शियन युद्ध में हार के बाद हटा दिया गया था। उसके शासन का स्थान तीसरे गणराज्य ने लिया। फ्रांस के 18वीं और 19वीं सदी में एक बड़ा औपनिवेशिक साम्राज्य में पश्चिम अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ हिस्से भी शामिल थे। इन क्षेत्रों की संस्कृति और राजनीति फ्रांस के प्रभाव में रही। कई भूतपूर्व उपनिवेशों में फं्रासीसी भाषा आधिकारिक भाषा है।
राष्ट्रीय ध्वज-ध्वज में नीले, श्वेत एवं लाल रंग की तीन बराबर पट्टीयाँ उध्र्व दिशा में हैं।

03.वीटो पावर-रूस
परिचय
रूस यूरोपीय महाद्वीप में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी मास्को है। इसकी मुख्य और राजभाषा रूसी है। क्षेत्रफल की दृष्टि से ये दुनिया का सबसे विशाल देश है। पहले ये सोवियत संघ का सबसे बड़ा घटक था। रूस के साथ जिन देशों की सीमाएं मिलती है उनके नाम हैं-नार्वे, फिनलैंड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, बेलारूस, यूक्रेन, जाॅर्जिया, अजरबैजान, कजाकिस्तान, चीन, मंगोलिया और उत्तरी कोरिया। रूसी साम्राज्य के दिनों से रूस ने विश्व में अपना स्थान एक प्रमुख शक्ति के रूप में किया था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ विश्व का सबसे बड़ा साम्यवादी देश बना। यहाँ के लेखकों ने साम्यवादी विचारधारा को विश्वभर में फैलाया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ एक प्रमुख सामरिक और राजनीतिक शक्ति बनकर उभरा। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसकी वर्षो तक प्रतिस्पर्धा चली जिसमें सामरिक, आर्थिक, राजनैतिक और तकनीकी क्षेत्रों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ थी। 1980 के दशक से यह आर्थिक रूप से कमजोर होता चला गया और 1991 में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप रूस सोवियत संघ का सबसे बड़ा राज्य बना।
रूस का इतिहास पूर्वी स्लावों के समय से शुरू होता है। तीसरी से आठवीं सदी तक स्लाव साम्राज्य अपने चरम पर था। कीवन रूसों ने 10वीं सदी में ईसाई धर्म को स्वीकार कर लिया। 13वीं सदी में मंगोलों के आक्रमण के कारण किवि रूसों का साम्राज्य छिन्न-भिन्न हो गया। फिर जारों का शासन आया। उसके बाद रूसी साम्राज्य का विकास हुआ। सन् 1917 में यहाँ बोल्शेविक क्रान्ति हुई जिसके कारण साम्यवादी शासन स्थापित हुआ।
राष्ट्रीय ध्वज-ध्वज में क्षैतिज दिशा में उपर एवं नीचे नीले रंग व बीच में श्वेत रंग की तीन बराबर पट्टीयाँ।

04.वीटो पावर-चीन
परिचय 
चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पूर्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटीश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार-कागज, कम्पास, बारूद और मुद्रण महान आविष्कार बताये हैं। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिणी पूर्वी ऐशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम पेंिकग मानव के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में 3,00,000 से 5,00,000 वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलीयों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ मानव 22 लाख से 25 लाख वर्ष पहले आये थे।
”चीन“ शब्द प्रथम दर्ज उपयोग 1555 में किया गया था। ये शब्द चिन से निकला था जो मार्को पोलो द्वारा पश्चिम में प्रचारित किया गया। यह शब्द पारसी और संस्कृत के चीन और अंतत-किन साम्राज्य (778-207 ईसापूर्व) से निकला जो झोऊ वंशावली के समय चीन का सबसे पश्चिमी साम्राज्य था। ऐतिहासिक रूप से चीन को सिना या सिनो, सिने, कैथे या पश्चिमी देशों द्वारा सेरेस के नाम से भी जाना जाता है। चीन का आधिकारिक नाम प्रत्येक वंश के साथ बदलता रहता है और सबसे प्रचलित और आम नात है-झोंग्गुओ जिसका अर्थ है-”केन्द्रिय राष्ट्र“ या ”मध्य साम्राज्य“।
चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये-
1. जनवादी गणराज्य चीन, जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी द्वारा शासित क्षेत्र को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है।
2. चीनी गणराज्य, जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है।
राष्ट्रीय ध्वज-चीन के राष्ट्रीय ध्वज में लाल रंग की पृष्ठभूमि में बायीं ओर उपर पीले रंग का एक बड़ा सितारा एवं उसके दायीं ओर पीले रंग के चार छोटे सितारें अंकित हैं।

05.वीटो पावर-ब्रिटेन (UK)
 परिचय 
ग्रैट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड का यूनाइटेड किंगडम (समान्यत-यू.के.या ब्रिटेन के रूप में जाना जाता है), एक श्रेष्ठ राज्य है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्मिोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है। यह एक द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं। उत्तरी आयरलैंड, यू.के.का ऐसा हिस्सा है जो एक देश की सीमा के साथ है, जो आयरलैंड के साथ साझेदारी पर है। इस देश की सीमा के अलावा, यू.के.अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ्रान्स से जुड़ा हुआ है। यू.के.एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्काॅटलैंड और वेल्स शामिल हैं। यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिनका राजधानी लंदन में सरकार की कुर्सी है। यू.के.के चैदह विदेशी क्षेत्र हैं। ब्रिटीश सरकार के सभी अवशेष जो 1922 में ऊँचाई पर थे, दुनिया के लगभग एक चैथाई हिस्से का घेरकर सबसे बड़ा साम्राज्य बना था। इसके पूर्व उपनिवेशों में भाषा, संस्कृति और कानून प्रणाली का ब्रिटीश प्रभाव आज भी देखा जा सकता है। दुनिया की छठीं बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के कारण यू.के.एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और शुरूआती 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था। लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया। फिर भी यू.के.अपने मजबूत आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बनी हुई है। यह एक परमाणु शक्ति सम्पन्न और दुनिया का चैथा सर्वाधिक रक्षा खर्च करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का एक सदस्य राज्य है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है।
1 मई, 1707 में, इंग्लैंड के साम्राज्य (जिसमें वेल्स शामिल था) और स्काॅटलैंड के साम्राज्य की राजनीतिक संघ के द्वारा ग्रेट ब्रिटेन साम्राज्य बनाया गया था। यह घटना 22 जुलाई, 1706 को संघ की संधि सहमति का परिणाम था और फिर इंग्लैंड के संसद और स्काॅटलैंड के संसद दोनों ने एक संघ के अधिनियम 1707 के द्वारा इसकी पुष्टि की। संघ के अधिनियम 1800 के द्वारा आयरलैंड का साम्राज्य, यूनाइटेड किंगडम बनाने के लिए ग्रेट ब्रिटेन साम्राज्य के साथ आ गया। अपनी पहली सदी में, यूनाइटेड किंगडम ने संसदीय प्रणाली के पश्चिमी विचारों को विकसित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही साहित्य, कला और विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यू.के.के नेतृत्व में औद्योगिक क्रान्ति ने देश को बदल दिया और बढ़ती हुई ब्रिटीश साम्राज्य को उत्तेजित किया। इस समय के दौरान अन्य महाशक्तियों की तरह यू.के.औपनिवेशिक शोषण में शामिल था। इसमें अटलांटिक दास व्यापार भी शामिल है। हालांकि 1807 में दास व्यापार अधिनियम के पारित होने के साथ यू.के ने गुलामों के व्यापार का मुकाबला करने में एक अग्रणी भूमिका निभाई। नेपोलियन के हार के बाद यू.के.19वीं सदी में नौसेना में प्रमुख शक्ति के रूप में उभरा और 20वीं शताब्दी के मध्य तक एक प्रख्यात शक्ति बना रहा। 1921 तक ब्रिटीश साम्राज्य अपने अधिकतम आकार में विस्तारित हुआ। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद जर्मन और तुर्क कालोनियों पर राष्ट्रों का संघटन शासनादेश हासिल किया। एक साल बाद, दुनिया के पहला बड़े पैमाने पर अन्तर्राष्ट्रीय प्रसारण नेटवर्क बी.बी.सी.बनाया गया था। द्वितीय विश्व युद्ध ने यू.के.को आर्थिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया था हालांकि मार्शल सहायता और संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा दोनों से लिए महंगे ऋण ने ब्रिटेन की पुन-प्राप्ति में मदद की। तुरन्त युद्धोत्तर वर्षों ने कल्याण राज्य की स्थापना देखी जिसमें दुनिया के पहले और सबसे व्यापक सार्वजीनिक स्वास्थ्य सेवाएँ शामिल थीं। अंग्रेजी भाषा के अन्तर्राष्ट्रीय फैलाव का मतलब था-साहित्य व संस्कृति का फैलाव जारी रखना। 1980 के दशक ने प्र्याप्त उत्तरी सागर तेल आमदनी और आर्थिक विकास का आगमन देखा। मार्गरेट थैचर के प्रधानमंत्री पद ने युद्धोत्तर राजनीतिक और आर्थिक सहमति से एक महत्वपूर्ण दिशा परिवर्तन को चिन्हित किया। एक रास्ता जो 1997 के बाद से टोनी ब्लेयर और गार्डन ब्राउन के नई श्रम सरकारों के तहत जारी रहा। 1992 में यूरोपीय संघ की शुरूआत के 12 संस्थापक देशों में से एक यू.के.था। इसके पूर्व 1973 से यह यूरोपीय संघ के यूरोपीय आर्थिक समुदाय का एक अग्रदूत सदस्य रहा। वर्तमान मजदूर सरकार का संगठन के साथ एकीकरण की दिशा में दृष्टिकोण मिश्रित है। सरकारी विपक्ष के साथ, रूढ़िवादी पार्टी जो कुछ शक्तियाँ और सक्षमताओं का पक्ष लेती है उसे यूरोपीय संघ को हस्तांतरित किया गया। 20वीं सदी के अंत ने पूर्व-विधायी संदर्भ के बाद उत्तरी आयरलैंड, स्काॅटलैड और वेल्स के लिए न्यायगत राष्ट्रीय प्रशासन की स्थापना के साथ यू.के.के शासन में कई परिवर्तन देखें।
यू.के.एक संवैधानिक राजशाही है। जिसके अन्तर्गत यू.के.तथा अन्य 15 राष्ट्रमण्डल देश हैं। यू.के.वर्तमान दुनिया के तीन देशों में से एक है जिनमें सुव्यवस्थित संविधान नहीं है। यू.के.का संविधान में ज्यादातर लिखित स्रोत हैं जिसमें संविधियाँ, न्यायाधीश द्वारा बनाए गये कानूनी मामले और अन्तर्राष्ट्रीय संधियाँ शामिल हैं। चूँकि साधारण विधियों और संवैधानिक व्यवस्था के बीच कोई तकनीकी अंतर नहीं है। यू.के.संसद केवल संसद के अधिनियमों को पारित करके संवैधानिक सुधार कर सकते हैं और उनके पास लगभग संविधान की किसी लिखित या अलिखित तत्व को इस प्रकार बदलने या समाप्त करने की शक्ति है, फिर भी कोई भी संसद कानून पारित नहीं कर सकती जो अगामी सरकार नहीं बदल सकती। यू.के.का एक संसदीय सरकार वेस्टमिंनिस्टर प्रणाली पर आधारित है जिसकी दुनिया भर ने नकल की है। ब्रिटीश सरकार की एक विरासत वेस्टमिनिंस्टर के महल में मिलने वाली यू.के.की संसद के दो सदन हैं-एक लोक सदन और एक नियुक्त यहोवा सदन और किसी भी विधेयक को कानून बनाने के लिए शाही स्वीकृति की आवश्यकता होती है। यह यू.के.का अन्तिम विधायी अधिकार है क्योंकि स्काॅलैंड में न्यायसंगत संसद और उत्तरी आयरलैंड और वेल्स की न्यायगत सभा प्रधान निकाय नहीं हंै और यह सन्दर्भित है कि स्थापित होने के बावजूद सार्वजनिक स्वीकृति के बाद यू.के.की संसद द्वारा समाप्त किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री का पद जो यू.के.की सरकार के शासक हैं, संसद सदस्य हें जो लोक सदन की बहुमत का विश्वास प्राप्त कर सकते हैं। आमतौर पर सदन के सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के मौजूदा नेता होते हैं। महारानी साहिबा की सरकार बनाने के लिए राजा द्वारा प्रधानमंत्री और मंत्रीमंडल को औपचारिक रूप से नियुक्त किया जाता है। हालांकि प्रधानमंत्री ही मंत्रीमंडल चुनते हैं और परम्परा के हिसाब से महारानी, प्रधानमंत्री के चुनाव का सम्मान करती हैं। परम्परागत रूप से मंत्रीमंडल को दोनों विधायी सदनों मंे प्रधानमंत्री की पार्टी के सदस्यों से लिया जाता है और अधिकांशत-लोक संदन से। प्रधानमंत्री और मंत्रीमंडल द्वारा कार्यपालिका शक्तियों का प्रयोग होता है जो माननीय महारानी साहिबा का सबसे सम्माननीय गुप्त परिषद् में शपथ लेते हैं और राजत्व के मंत्री बन जाते हैं। यू.के.के अलग-अलग देशों की राजधानियाँ हैं-बेलफास्ट (उत्तरी आयरलैंड), कार्डिफ (वेल्स), एडिनबर्ग (स्काॅटलैंड) और लन्दन (इंग्लैंड)। लन्दन, पूरी तरह से यू.के.की राजधानी है। पौंड स्टर्लिंग यू.के.की मुद्रा है। यू.के.”ब्रिटीश अनुभववाद“ की परम्परा के लिए प्रसिद्ध है। ज्ञान के दर्शन की एक शाखा जिसके हिसाब से अनुभव द्वारा सत्यापित ज्ञान ही वैध है। यू.के और इससे पहले के देशों ने वैज्ञानिकों और इंजिनियर दिए हैं जिन्हें महत्वपूर्ण प्रगति का श्रेय मिला है।
यू.के.का झण्डा, एक संघ झण्डा है-इंग्लैंड का झण्डा, स्काॅटलैंड का झण्डा और सेंट पैट्रिक का झण्डा मिलाकर 1801 में यह झण्डा बनाया गया था। संघ के झण्डे में वेल्स का प्रतिनिधित्व नहीं है क्योंकि इंग्लैंड द्वारा वेल्स पर विजय प्राप्त हुई थी। यू.के.के ध्वज को ”यूनियन जैक“ भी कहते हैं। ध्वज में कई क्रास चिन्ह बने हुए हैं। नीले रंग की पृष्ठभूमि में लाल श्वेत रंग के क्रास बने हुए हैं जो सम्पूर्ण ध्वज को लम्बवत्, क्षैतिज और कोणीय दिशा में विभाजित करते हैं। यू.के.के राष्ट्रीय गान ”भगवान सहेजें राजा को“ में राजा के बदले रानी बोला जाता है जब भी एक महिला अधीश्वर बनती है। परन्तु गाने का नाम वहीं रहता है। ब्रिटानिया यु.के.का एक राष्ट्रीय अवतार है। ब्रिटानिया को भूरे या सुनहरे बालों वाली एक जवान औरत के रूप में प्रतीक किया गया है जिसने एक कोरिंथियन हेलमेट और सफेद वस्त्र पहने हुए है। वह पोसाईडन का तीन आयामी त्रिशूल और एक ढाल धारण करती है जिसमें संघ का झण्डा बना है। कभी-कभी वह एक शेर पर सवारी करती हुई दर्शायी जाती है।




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