डब्ल्यू.एस. (WS)-00000: उपासना और उपासना स्थल का विश्वमानक
(WSO–00000 : World Standard of
Worship & Worship Place)
आध्यात्मिक आधार
समस्त जगत का एकत्व-यही श्रेष्ठ धर्ममत हैं। मैं अमुक हँू व्यक्ति विशेष-यह बहुत ही संकीर्ण भाव है। यथार्थ ”अहम्“ लिए, यह सत्य नहीं है। मैं विश्व व्यापक हँू-इस धारणा पर प्रतिष्ठित हो जाओ और श्रेष्ठ की उपासना सदा श्रेष्ठ रूप में करोे, कारण ईश्वर चैतन्य स्वरूप है, आत्म स्वरूप है, चैतन्य एवम् सत्य में ही उसकी उपासना करनी होगी। मानव चैतन्य स्वरूप है, और इसलिए मानव भी अनन्त है। और केवल अनन्त ही अनन्त की उपासना में समर्थ है। हम अनन्त की उपासना करेगें, वही सर्वोच्च आध्यात्मिक उपासना है।
-स्वामी विवेकानन्द
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