डब्ल्यू.एस. (WS)-0000 : मानव (सूक्ष्म तथा स्थूल) के प्रबन्ध और क्रियाकलाप का विश्वमानक
(WS
– 0000 : World Standard of Management&Activity of
Human
(Micro&Macro))
आध्यात्मिक आधार
क्रियाकलापों के विश्वमानक के अनुसार कर्मशील प्रत्येक कत्र्ता स्वायत्तशासी इकाई एकल मन के रूप में क्रियाकलापों के विश्वमानक के अनुसार कर्मशील अपने से बड़े स्वायत्तशासी इकाई एकल मन जो उसमें व्याप्त है के प्रति समर्पित व केन्द्रित रहते हुये आवश्यकता और समयानुसार क्रियाकलापों के विश्वमानक के अनुसार स्वायत्तशासी इकाई एकल मन के रूप मे संयुग्मन और विखण्डन, मानव (सूक्ष्म एवम् स्थूल) के प्रबन्ध और क्रियाकलाप का विश्वमानक कहलाता है। यदि कर्मोपनिषद्-व्यष्टि का मूल सूत्र है।
क्षुद्र ब्रह्माण्ड अर्थात्् मानव अथवा कोई भी प्राणी एक एकल मन है जिसके निम्नलिखित दो रूप है।
क. व्यक्तिगत प्रमाणित सूक्ष्म एकल मन या सूक्ष्म क्षुद्र ब्रह्माण्ड या सूक्ष्म मानव
इसका उदाहरण निराकार विचार या मन है। जो पूर्ण सूक्ष्म एकल मन तथा मानव के प्रबन्ध और क्रियाकलाप के विश्वमानक से युक्त होता है। विखण्डन की क्रिया में प्रबन्ध और क्रियाकलाप के विश्वमानक से युक्त स्वायत्तशासी इकाई एकल मन के अंशमन तथा संयुग्मन की क्रिया में प्रबन्ध और क्रियाकलापों के विश्वमानक से युक्त स्वायत्तषासी इकाई एकल मन का पूर्ण रूप होता है। ये ही निराकार, सर्वव्यापी, अन्तिम, मूल और सर्वोच्च स्वायत्तशासी इकाई एकल मन है। जिससे स्थूल एकल मन या स्थूल क्षुद्र ब्रह्माण्ड व्यक्त है अर्थात् सम्पूर्ण व्यक्तिगत तन्त्र की समावेश है। जैसे-व्यक्तिगत
ख. सार्वजनिक प्रमाणित स्थूल एकल मन या स्थूल क्षुद्र ब्रह्माण्ड या स्थूल मानव
इसका उदाहरण साकार पुनर्जन्म मानव शरीर तथा अन्य प्राणी है। जो पूर्ण स्थूल एकल मन तथा मानव के प्रबन्ध और क्रियाकलाप के विश्वमानक से युक्त होता है। विखण्डन की क्रिया में प्रबन्ध और क्रियाकलाप के विश्वमानक से युक्त स्वायत्तशासी इकाई पुनर्जन्म के अंश पुर्नजन्म तथा संयुग्मन की क्रिया मे प्रबन्ध और क्रियाकलापों के विश्वमानक से युक्त स्वायत्तशासी इकाई पुनर्जन्म का पूर्ण रूप होता है। ये ही साकार, सर्वव्यापी, अन्तिम, मूल और सर्वोच्च स्वायत्तशासी इकाई पुनर्जन्म है। जिससे एकल मन से युक्त संकल्पित कर्म और मानव तथा अन्य प्राणी व्यक्त है।
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