विश्वशास्त्र संगठन
शास्त्र संगठन विषय प्रवेश से प्रारम्भ होकर 5 अध्याय से होता हुआ परिशिष्ट पर समाप्त होता है।
विषय प्रवेश - इसमें जीवन के अनेक दिशाओं से मूल न्यूनतम ज्ञान दिया गया है जिससे शास्त्र को समझने के लिए वातावरण बन सके।
अध्याय - एक - ईश्वर, अवतार और पुनर्जन्म, युग और उनमें हुये मुख्य अवतार का विवरण से होते हुए पिछले नवें बुद्ध अवतार से वर्तमान तक की पृथ्वी पर विभिन्न विषयों की स्थिति, विकास की स्थिति व परिणाम व्यक्त किया गया है।
अध्याय - दो: जीवन परिचय - इसके अन्तर्गत मानव सभ्यता का विकास और जाति की उत्पत्ति, वंश, गोत्र, आदि पुरूष महर्षि कूर्म-कश्यप, सार्वजनिक प्रमाणित पूर्ण प्रेरक अवतार दसवाँ और अन्तिम कल्कि अवतार-लव कुश सिंह ”विश्वमानव“- विश्वभारत (मानक वैश्विक व्यक्ति चरित्र) पूर्व कथा - भविष्य के लिए प्रक्षेपित कल्कि अवतार की कथा, वैष्णों देवी की कथा, कल्कि अवतार एवं वैष्णों देवी का सम्बन्ध, काशी का परिचय, काशी विश्वनाथ मन्दिर, काशी नरेश और रामनगर, रामलीला और रामनगर, ज्योतिर्लिंग: अर्थ और द्वादस (12) ज्योतिर्लिंग, काशी (वाराणसी) में श्री कृष्ण, भगवान बुद्ध, स्वामी विवेकानन्द, लव कुश सिंह ”विश्वमानव“, वर्तमान कथा - वर्तमान में व्यक्त कल्कि अवतार की कथा, कलयुग की देवी कल्कि देवी की कथा, कल्कि देवी का परिचय एवं रूप, सत्यकाशी: काशी (वाराणसी)-सोनभद्र-शिवद्वार-विन्ध्याचल के बीच का क्षेत्र का परिचय, विन्ध्य पर्वत, क्षेत्र और धाम:विन्ध्य क्षेत्र से तय होता है भारत का मानक समय, मीरजापुर और चुनार क्षेत्र, भोगेश्वरनाथ: तेरहवाँ (13वाँ) और अन्तिम ज्योतिर्लिंग, सत्यकाशी में श्री कृष्ण, भगवान बुद्ध, स्वामी विवेकानन्द, लव कुश सिंह ”विश्वमानव“, जरगो नदी और लव कुश सिंह ”विश्वमानव“, जरगो बाँध: एक दिव्य स्थल निर्माण क्षेत्र, धर्म स्थापनार्थ दुष्ट वध और साधुजन का कल्याण कैसे और किसका?, जन्म, ज्ञान व कर्म परिचय (सारांश), योगेश्वर श्री कृष्ण, स्वामी विवेकानन्द, भोगेश्वर श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“, स्वामी विवेकानन्द की वाणीयाँ जो भोगेश्वर श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“ के जीवन में सत्य है, स्वामी विवेकानन्द और भोगेश्वर श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“ के जीवन काल का घटना-चक्रजन्म, पारिवारीक पृष्ठभूमि, जन्म एवं निवास स्थल, जन्म कुण्डली, हथेली व पैर के तलवे का चित्र, शिक्षा, भ्रमण व देशाटन, मित्र व सहयोगी, जीवन यात्रा कें कुछ रोचक चरित्र व घटनायें दिये गये हैं।
अध्याय - तीन: ज्ञान परिचय - दसवें और अन्तिम अवतार श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“ का विस्तृत ज्ञान परिचय दिया गया है। जिसके अन्तर्गत धर्म पुराण रहस्य, महर्षि व्यास पौराणिक कथा लेखन कला, पुराणः धर्म, धर्मनिरपेक्ष एवम् यथार्थ अनुभव की अन्तिम सत्य दृष्टि, पुराणों की सत्य दृष्टि, ”गीता“ का अन्त तथा ”कर्मवेद“ के प्रारम्भ का आधार, कालभैरव कथा: कर्मवेद: प्रथम, अन्तिम तथा पंचमवेद शिव-शंकर अधिकृत है, ब्रह्मा अधिकृत नहीं, शिव और जीव, विश्व-नागरिक धर्म का धर्मयुक्त धर्मशास्त्र, कर्मवेद: प्रथम, अन्तिम तथा पंचम वेदीय श्रृंखला, विश्व-राज्य धर्म का धर्मनिरपेक्ष धर्मशास्त्र विश्वमानक शून्य-मन की गुणवत्ता का विश्वमानक श्रृंखला, विश्व शान्ति, विश्व धर्म संसद, विश्व धर्म संसद-सन् 1893 ई0 परिचय, स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यान, विश्व धर्म संसद-सन् 1993 ई0 परिचय, विश्व धर्म संसद-सन् 1999 ई0 परिचय, विश्व धर्म संसद-सन् 2004 ई0 परिचय, विश्व धर्म संसद-सन् 2009 ई0 परिचय, संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित सहस्त्राब्दि सम्मेलन-2000 ई0, राष्ट्राध्यक्षों का सम्मेलन, धार्मिक एवं आध्यात्मिक नेताओं का सम्मेलन, विश्व शान्ति के लिए गठित ट्रस्टों की स्पष्ट नीति, मेरे विश्व शान्ति के कार्य हेतू बनाये गये सभी ट्रस्ट मानवता के लिए सत्य-कार्य एवं दान के लिए सुयोग्य पात्र,पत्रावली, शंखनाद एवं जनहित याचिका का प्रारूप, एकात्मकर्मवाद और विश्व का भविष्य, विश्व का मूल मन्त्र-”जय जवान- जय किसान-जय विज्ञान-जय ज्ञान-जय कर्मज्ञान“, विश्वमानक-शून्य श्रंृखला (निर्माण का आध्यात्मिक न्यूट्रान बम), भारत का संकट, हल, विश्वनेतृत्व की अहिंसक स्पष्ट दृश्य नीति, सर्वोच्च संकट और विवशता, गण्राज्य-संघ को मार्गदर्शन दिये गये हैं।
अध्याय - चार: कर्म परिचय - दसवें और अन्तिम अवतार श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“ का विस्तृत कर्म परिचय दिया गया है। जिसके अन्तर्गत व्यापार एवं समाजिक उत्तरदायित्व के लिए 1. सत्ययोगानन्द मठ (ट्रस्ट), 2. प्राकृतिक सत्य मिशन (ट्रस्ट), राष्ट्रीय रचनात्मक आन्दोलनःस्वायत्तशासी उपसमिति/संगठन, प्राकृतिक सत्य एवं धार्मिक शिक्षा प्रसार केन्द्र (CENTRE), ट्रेड सेन्टर (TRADE CENTRE), विश्व राजनीतिक पार्टी संघ (WPPO), राष्ट्रीय क्रान्ति मोर्चा, राष्ट्रीय सहजीवन आन्दोलन, स्वराज-सुराज आन्दोलन, विश्व एकीकरण आन्दोलन (सैद्धान्तिक), प्राकृतिक सत्य मिशन के विश्वव्यापी स्थापना का स्पष्ट मार्ग, राम कृष्ण मिशन और प्राकृतिक सत्य मिशन, 3. विश्वमानव फाउण्डेशन (ट्रस्ट),4. सत्यकाशी ब्रह्माण्डीय एकात्म विज्ञान विश्वविद्यालय (ट्रस्ट) ,5. सत्यकाशी (ट्रस्ट) के विवरण दिया गया है।
अध्याय-पाँच: सार्वजनिक प्रमाणित विश्वरूप - दसवें और अन्तिम अवतार श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“ का विस्तृत सार्वजनिक प्रमाणित विश्वरूप का परिचय निम्न 13 क्षेत्र द्वारा दिया गया है। 01. पुर्नजन्म चक्र मार्ग से, 02. अवतार चक्र मार्ग से, 03. धर्म प्रवर्तक और उनका धर्म चक्र मार्ग से, 04. आचार्य और दर्शन चक्र मार्ग से, 05. गुरू चक्र मार्ग से, 06. संत चक्र मार्ग से, 07. समाज और सम्प्रदाय चक्र मार्ग से, 08. सत्य शास्त्र-साहित्य चक्र मार्ग से, 09. कृति चक्र मार्ग से, 10. भूतपूर्व धार्मिक-राजनैतिक-सामाजिक नेतृत्वकर्ता चक्र मार्ग से, 11. वर्तमान धार्मिक-राजनैतिक-सामाजिक नेतृत्वकर्ता चक्र मार्ग से, 12. सत्यमित्रानन्द गिरी -”भारत माता मन्दिर (ऋृषिकेश)“, 13. पहले मैं और अब अन्त में मैं ही मैं।
परिशिष्ट -
अ - स्वामी विवेकानन्द -स्वामी विवेकानन्द जी के द्वारा लिखित पुस्तकों 1. धर्म-विज्ञान, 2. योग क्या है?, 3. ज्ञान योग, 4. राजयोग, 5. भक्ति योग, 6. प्रेम योग, 7. कर्मयोग के कुछ अंश को परिशिष्ट के रूप में इस अधिकार के साथ जोड़ा गया है जैसे उसके बिना यह शास्त्र अधूरा है। सत्य तो यह है कि श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“, स्वामी विवेकानन्द के पुनर्जन्म मार्ग से उनकी अगली और अन्तिम कड़ी हैं।
परिषिश्ट - ब - श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“ - भाग - 1. मेरा मार्ग में 1. निर्माण के मार्ग 2. मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा 3. ईश्वर, अवतार और मानव की शक्ति सीमा 4. पाँचवें युग - स्वर्णयुग में प्रवेश का आमंत्रण 5. मैं-विश्वात्मा ने भारतीय संविधान की धारा-51 (ए): नागरिक का मौलिक कत्र्तव्य अनुसार अपना धर्म कत्र्तव्य निभाया भाग - 2: वार्ता, वक्तव्य एवम् दिशाबोध, भाग - 3: सत्य-अर्थ एवम् मार्गदर्शन, भाग - 4: वाणीयाँ एवम् उद्गार, भाग - 5: मैं (व्यक्तिगत या सार्वभौम) 01. क्यों असम्भव था व्यक्ति, संत-महात्माओं-धर्माचार्यो, राजनेताओं और विद्वानो द्वारा यह अन्तिम कार्य ?, 02. भोगेश्वर रुप (कर्मज्ञान का विश्वरुप): मैं एक हूँ परन्तु अनेक नामों से जाना जाता हूँ, 03. एक ही मानव शरीर के जीवन, ज्ञान और कर्म के विभिन्न विषय क्षेत्र से मुख्य नाम (सर्वोच्च, अन्तिम और दृश्य), 04. एक ही ”विश्वशास्त्र“ साहित्य के विभिन्न नाम और उसकी व्याख्या, 05. बसुधैव कुटुम्बकम्
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VISHWSHASTRA Organization
The scripture organization starts from the subject entry and ends on the appendix, starting from chapter 5.
Subject entry - In this, basic minimum knowledge has been given from many directions of life so that an atmosphere can be created for understanding scripture.
Chapter - One - Through the description of God, Avatar and Reincarnation, Yuga and the main incarnation in them, the status, development status and results of various subjects on the earth from the last ninth Buddha avatar to the present have been expressed.
Chapter - Two: Life Introduction - Development of human civilization under it and the origin of caste, dynasty, gotra, etc. Men of Maharishi Kurum-Kashyap, public certified perfect motivational avatar Tenth and last Kalki avatar-Luv Kush Singh "Vishmanav" - Vishwabharata (Standard Global Person Character) PREVIOUS STORY - The story of Kalki Avatar projected for the future, the story of Vaishno Devi, the relationship of Kalki Avatar and Vaishno Devi, the introduction of Kashi , Kashi Vishwanath Temple, Kashi Naresh and Ramnagar, Ramlila and Ramnagar, Jyotirlinga: Earth and Dwadas (12) Jyotirlinga, Sri Krishna in Kashi (Varanasi), Lord Buddha, Swami Vivekananda, Luv Kush Singh "Vishmanav", Current Story - Currently The story of the personified Kalki avatar, the story of Kalki Devi, the Goddess of Kalyug, the introduction and form of Kalki Devi, Satyakashi: on the area between Kashi (Varanasi) -Sonbhadra-Shivdwar-Vindhyachal. Chaya, Vindhya mountain, region and Dham: The standard time of India is determined by the Vindhya region, Mirzapur and Chunar region, Bhogeshwaranath: thirteenth (13th) and last Jyotirlinga, Sri Krishna in Satyakashi, Lord Buddha, Swami Vivekananda, Luv Kush Singh ” Vishmanav ", Jargo River and Luv Kush Singh" Vishmanav ", Jargo Dam: a divine site building area, how and whose welfare for religious slaughter and sadhujan ?, born M, Introduction to Knowledge and Karma (Summary), Yogeshwar Shri Krishna, Swami Vivekananda, Bhogeshwar Shri Luv Kush Singh "Vishmanav", the words of Swami Vivekananda which is true in the life of Bhogeshwar Shri Luv Kush Singh "Vishmanav", Swami Vivekananda and Bhogeshwar Shri Life-time events of Love Kush Singh "Vishmanav" - cycle birth, family background, birth and place of residence, horoscope, palm and foot soles, education, Ramn and barnstorming, friends and colleagues, some centers journey interesting characters and events are given.
Chapter - Three: Introduction to Knowledge - Tenth and last incarnation Shri Luv Kush Singh "Vishwamanav" has been given detailed knowledge. Under which the Dharma Purana mystery, Maharishi Vyas mythological story writing art, Purana: Dharma, the ultimate true vision of the secular and real experience, the true vision of the Puranas, the end of the "Gita" and the basis of the beginning of "Karmaveda", Kalabhairava story: Karmaveda: First , Shiva-Shankar is the last and the Panchamveda, Brahma is not authorized, Shiva and Jiva, the religious theology of the world-citizen religion, Karmaveda: First, the last and the Pancha. Vediya series, Secular theology of world-state religion, World standard, World standard series of zero-mind quality, World peace, World religion parliament, World religion parliament - 1893 AD Introduction, Swami Vivekananda lectures, World religion parliament - 1993 AD Introduction , World Religion Parliament - 1999 AD Introduction, World Religion Parliament - 2004 AD Introduction, World Religion Parliament - 2009 AD Introduction, Millennium organized by the United Nations Conference-2000 AD, Conference of heads of state, Conference of religious and spiritual leaders, clear policy of trusts set up for world peace, all trusts made for the work of my world peace, eligible for truth-work and charity for humanity, letter , Shankhanad and the format of PIL, Integralism and the future of the world, the basic mantra of the world- "Jai Jawan - Jai Kisan - Jai Vigyan - Jai Gyan-J Y Karmagyan ", Vishwamanaka-Zero Shrinkhala (spiritual neutron bomb of creation), India's crisis, solution, non-violent clear view policy of world leadership, supreme crisis and compulsion, guidance has been given to the republic.
Chapter - Four: Introduction to Karma - The tenth and final incarnation of Shri Luv Kush Singh "Vishmanav" is given in detail. Under which, for business and social responsibility 1. Satyayoganand Math (Trust), 2. Natural Truth Mission (Trust), National Creative Movement: Autonomous Subcommittee / Organization, Natural Truth and Religious Education Extension Center (CENTER), Trade Center (TRADE CENTER), World Political Party Association (WPPO), National Revolution Front, National Symbolism Movement, Swaraj-Suraj Movement, World Integration Movement (Saidhan Hrithik), clear the way for the worldwide establishment of natural truth Mission, Ramakrishna Mission and natural true mission, 3. Biswmanv Foundation (Trust), 4. Satyakashi Cosmic Integration University (Trust), 5. Details of Satyakashi (Trust) are given.
Chapter-5: Public Certified Vishwaroop - The tenth and final incarnation of Shri Luv Kush Singh "Vishmanav" detailed public certified Vishwaroop is given by the following 13 fields. 01. Reincarnation cycle route, 02. Avatar cycle path, 03. Dharma promoter and his religion cycle path, 04. Acharya and Darshan cycle path, 05. Guru chakra route, 06. Sant chakra route, 07. Society and community through Chakra Marg, 08. Satya Shastra-Sahitya Chakra Marg, 09. Kriti Chakra Marg, 10. Former Religious-Political-Social Leaders Chakra Marg, 11. Current Religious-Political-Social Leaders Chakra Marg From, 12. Satyamitranand Giri - "Bharat Mata Mandir (Rishikesh)", 13. First I and now finally I.
Appendix -
A - Books written by Swami Vivekananda - Swami Vivekanand ji 1. Theology, 2. What is Yoga ?, 3. Gyan Yoga, 4. Raja Yoga, 5. Bhakti Yoga, 6. Prem Yoga, 7. Parts of Karmayoga Is appended to this right as an appendix as if without it the scripture is incomplete. The truth is that Shri Luv Kush Singh "Vishmanav" is his next and final link to Swami Vivekananda's rebirth path.
Appendix - B - Shri Luv Kush Singh "Vishmanav" - Part - 1. In my path 1. The path of creation 2. Found the Sur Mera yours, then become ours 3. The power limit of God, Avatar and Human 4. Fifth Age - Invitation to enter the Golden Age 5. I-Vishwatma performed her religious duty as per the fundamental duty of the Indian Constitution Section-51 (A): Part-2: Dialogue, Statement and Direction, Part-3: Truth-Meaning and Guidance, Part - 4: Speeches and Excerpts, Part - 5: I (Personal or Universal) 01. Why was it impossible to do this final work by individuals, saints, sages, politicians and scholars? I am one, but I am known by many names, 03. Key names (supreme, final and visible) from different disciplines of life, knowledge and karma of the same human body, 04. Same "Vishwastra" literature. Area different name and its interpretation, 05. Bsudav Kutumbkm
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