Thursday, April 16, 2020

हमारा सम्मान

हमारा सम्मान
क्या आप सच में ”भगवान“ के पुजारी हैं 
और 
”भगवान“ के अनन्य भक्त हैं?
क्या आप के दिल में ”अल्लाह“ हैं 
और 
आप दिल से ”नमाज“ अदा करते हैं?
क्या आप कभी भी असीम श्रद्धा से ”गुरूद्वारे“ में मत्था टेकते हैं 
और 
”वाहेगुरू“ को चाहते हैं?
तो 
अच्छी मानव जाति को बचाने के लिए 
देश को साफ व स्वच्छ बनाने के लिए हर कोशिश करें।

हमारे घर के राष्ट्रीय ध्वज

हम अगर अपने घर-देश के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान सच्चाई से करना चाहते है, तो सबसे पहले सारे सरकारी प्राणी और नेताओं का जो कि हमारे शरीर के सारे अंगो के समान है, उनकेा कर्मठ बनाना और उनका सफाई-सुधार रखना ही पडे़गा। गैर सरकारी प्राणी तो राजा भी है और उसकी गलती की सजा, हमारे सरकारी प्राणी निश्चित करते है, देते है। वैसे हर एक की गलती की सजा इतनी प्रिय करनी है कि गलती करने वाला खुद सजा कबूल करके, साफ-सुथरा बनें, खुद के और सबके लायक बनें, कर्मठता बढ़ायें क्योंकि सब हमारे सम्बन्धी हैं। आप सबका ही कहना सही है राष्ट्रीय ध्वज के आगे, पाक-साफ व कर्मठ इन्सान ही सैल्यूट करें।
जब ज्ञान बढे़गा तब अक्षर ज्ञान का फायदा होगा।

सबको जीते जी स्वर्ग  देने के लिये, सबसे पहले सुधार कर्म करें या करेंगे!

संसार के पूजनीय भगवान, बुजूर्ग व देवी देवता गण

हमारे जिन्दा और जो हमे छोड़ गये हैं, वह बुर्जुग ही हमारे भगवान हैं। भगवान का कोई रुप नहीं होता, मतलब वह हरेक के रुप में है। क्योकि सब बुजुर्गाे को हमने देखा ही नहीं है, हर जीव का भगवान (बुजुर्ग) सबके लिये भगवान ही है। हर बड़ा चाहता है, मेरा छोटा, मेरी हर जिम्मेदारी सम्भालें। यह जिम्मेदारी हर पालने वाले को उसके भगवान (बुजुर्ग) विरासत मे देकर गये हैं। भगवान इतना छोटा है कि वह हर जर्रे में हैं, और इतना बडा है कि उससे बड़ा कुछ नहीं, कोई नहीं, आप देखने की कोशिश करें, कोशिश करते रहने वाले ही कामयाब होते हैं। सबसे आसान है, अपने छोटे व छोटी को भगवान व देवी बनायें और उनका इस्तेमाल करें। सच्चाई में पूजा-इबादत करने का हक उसे ही है, और पूजा-इबादत का अच्छा फल उसे ही मिलता है, जो खुद की व सबकी सफाई-सुधार करता रहता है।ं 
हर अनियमितता की आग हर घर (देश) में तेजी से फैल रही है, बढ़़ रही है। दूसरा पड़ोसी या देशवासी भी हमारे कुछ हैं, सब अपने हैं, वह हमे याद करें या ना करें, हमे पता लगते ही सफाई-सुधार में तन, मन व धन से सहयोग करना चाहिए, क्योंकि अपने को व अपने घर को पोल्यूशन से बचाने के लिये दूर तक सफाई-सुधार रखना ही समझदारी है। और पूरा संसार हमारा है, साबित करना है। 

राम-राम जितना कहो, कुछ भी राम न होये।
राम जैसा जो भी करें, जय जय राम की होये।ं

पूजा-इबादत का शुभ फल लेने के लिये, पहले सफाई-सुधार जरुरी है।ं

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